मैट्रिक छात्रवृत्तिः स्टालिन ने मोदी से छात्रों की पारिवारिक आय सीमा आठ लाख रुपये करने का आग्रह किया

मैट्रिक छात्रवृत्तिः स्टालिन ने मोदी से छात्रों की पारिवारिक आय सीमा आठ लाख रुपये करने का आग्रह किया

  •  
  • Publish Date - December 10, 2024 / 05:28 PM IST,
    Updated On - December 10, 2024 / 05:28 PM IST

चेन्नई, 10 दिसंबर (भाषा) तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए मैट्रिक-पूर्व और मैट्रिक-बाद छात्रवृत्ति हेतु वार्षिक पारिवारिक आय सीमा को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर आठ लाख रुपये करने का अनुरोध किया है।

स्टालिन ने आय सीमा बढ़ाने की तत्काल आवश्यकता पर जोर देते हुए मंगलवार को मोदी को एक पत्र लिखकर कहा कि केंद्र ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए आय सीमा को संशोधित कर आठ लाख रुपये कर दिया है।

इसके अलावा, केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय प्रवासी छात्रवृत्ति और उच्च श्रेणी शिक्षा योजना जैसी योजनाओं के लिए अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए आय सीमा बढ़ाकर आठ लाख रुपये कर दी है।

उन्होंने कहा कि आय सीमा के पुनर्निर्धारण से वंचित पृष्ठभूमि के कई छात्रों को छात्रवृत्ति का लाभ मिला है।

अखिल भारतीय उच्च शिक्षा सर्वेक्षण (एआईएसएचई) की रिपोर्ट के अनुसार अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और कुछ पिछड़े समुदायों के छात्रों का सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) अन्य छात्रों की तुलना में काफी कम है।

आम आबादी की तुलना में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के छात्रों के जीईआर में भारी अंतर है।

इसलिए, उच्च शिक्षण संस्थानों में बड़ी संख्या में उनका नामांकन सुनिश्चित करना आवश्यक है।

मैट्रिक-पूर्व और मैट्रिक-बाद छात्रवृत्ति प्रदान करने से उच्च शिक्षा में उनके नामांकन को बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ हमारे विचार में, आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के समान इन छात्रों के लिए भी मैट्रिक-पूर्व और मैट्रिक-बाद के लिए वार्षिक आय सीमा को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर आठ लाख रुपये करना न केवल आवश्यक है, बल्कि पूरी तरह से न्यायोचित और आवश्यक भी है। ’’

भाषा रवि कांत रवि कांत पवनेश

पवनेश