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नयी दिल्ली, चार दिसंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के संभल में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के दौरे से पहले बुधवार को दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे में गाजीपुर सीमा पर लगाए गए भारी अवरोधकों को तोड़कर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के वहां एकत्र होने से यातायत जाम हो गया।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए अवरोधक लगा दिए और वाहनों की जांच शुरू कर दी है। दिल्ली से उत्तर प्रदेश जाने वाले मार्ग पर भारी भीड़ होने के कारण यात्रियों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
पुलिस द्वारा निषेधाज्ञा का हवाला देते हुए लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को यहां गाजीपुर सीमा पर रोक दिए जाने पर कांग्रेस की युवा शाखा के सदस्यों ने नारेबाजी की और पार्टी के झंडे लहराए।
सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) स्वतंत्र कुमार सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘हमें राजमार्ग पर लोगों के एकत्र होने की सूचना मिली है और हमने किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया है।’’
राहुल गांधी अपनी बहन प्रियंका गांधी वाद्रा और कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ सुबह गाजीपुर सीमा पर पहुंचे। गाजीपुर में भारी पुलिस बल तैनात किया गया था और उन्हें संभल की ओर जाने से रोकने के लिए अवरोधक लगाए गए थे।
संभल में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 (उपद्रव या खतरे की आशंका में आदेश जारी करने की शक्ति) के तहत प्रतिबंध 31 दिसंबर तक बढ़ा दिए गए हैं। पहले यह प्रतिबंध रविवार को समाप्त होना था।
इससे पहले गाजियाबाद के पुलिस आयुक्त अजय कुमार मिश्रा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘हम राहुल गांधी को संभल जाने की अनुमति नहीं देंगे क्योंकि वहां प्रशासन ने निषेधाज्ञा लागू कर रखी है। पुलिस गांधी को ‘यूपी गेट’ पर रोकेगी।’’
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यातायात को नियंत्रित करने के लिए सीमा पर पुलिस बल तैनात किया गया है और मार्ग परिवर्तित किया जा रहा है।
करीब आधे घंटे तक जाम में फंसे नोएडा निवासी आशीष सक्सेना ने कहा, ‘‘मैं रेलवे स्टेशन से लौट रहा था और इस जाम में फंस गया। अगर मुझे इस बारे में पता होता तो मैं घर जाने के लिए कोई दूसरा रास्ता अपनाता।’’
संभल की एक अदालत ने 19 नवंबर को एक मुगल कालीन मस्जिद के सर्वेक्षण का आदेश दिया था और उसी दिन एक टीम ने वहां सर्वेक्षण किया था। तभी से वहां तनाव की स्थिति है। दावा किया गया था कि मस्जिद वाले स्थान पर पहले हरिहर मंदिर था।
उसके बाद 24 नवंबर को दोबारा सर्वेक्षण के दौरान प्रदर्शनकारियों के शाही जामा मस्जिद के पास एकत्र होने और सुरक्षा कर्मियों से भिड़ जाने के दौरान हिंसा भड़क उठी। इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई जबकि कई अन्य लोग घायल हो गए थे।
भाषा यासिर नरेश
नरेश