तिरुवनंतपुरम/हैदराबाद, चार जनवरी (भाषा)केरल और तेलंगाना की सरकारों ने शनिवार को कहा कि चीन में वायरल बुखार और श्वसन संक्रमण के बड़े पैमाने पर मामले आने की खबरों पर वे बारीकी से नजर रख हुए है और फिलहाल घबराने की कोई जरूरत नहीं है।
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा कि चीन में सामने आये किसी भी वायरस के बारे में अब तक ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली है, जिसमें इसके महामारी का रूप लेने या अन्य क्षेत्रों में तेजी से फैल सकने की बात कही गई हो।
उन्होंने कहा कि मलयाली लोग दुनिया के सभी हिस्सों में हैं और चीन समेत अन्य देशों के प्रवासी अक्सर राज्य में आते हैं, इसलिए अतिरिक्त सावधानी बरती जानी चाहिए।
जॉर्ज ने कहा, ‘‘हम चीन में स्थिति पर नजर रख रहे हैं। यदि किसी ऐसे प्रकोप का पता चलता है जिसके अन्य क्षेत्रों में फैलने का खतरा है, तो हम इसके प्रसार को बहुत जल्द रोक सकते है।’’
मंत्री ने लोगों, विशेषकर गर्भवती महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों से अतिरिक्त सतर्कता बरतने का आग्रह किया और उनसे मास्क पहनने का अनुरोध किया।
तेलंगाना के जन स्वास्थ्य निदेशक बी रविंदर नायक ने एक बयान में कहा कि राज्य में अब तक ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) का कोई मामला सामने नहीं आया है।
स्वास्थ्य विभाग ने राज्य में प्रचलित श्वसन संक्रमण के आंकड़ों का विश्लेषण किया और पाया कि दिसंबर 2024 में एक साल पहले इसी महीने की तुलना में कोई उल्लेखनीय वृद्धि नहीं हुई है।
तेलंगाना जन स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों से कुछ ‘क्या करें और क्या न करें’ संबंधी निर्देशों का पालन करने का आग्रह किया है। उसने कहा कि एचएमपीवी रिपोर्ट के संबंध में चिंता का कोई कारण नहीं है और विभाग केंद्र में स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ निकट समन्वय कर रहा है।
स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (डीजीएचएस) डॉ. अतुल गोयल ने कहा कि ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस किसी भी अन्य श्वसन वायरस की तरह है, जो सामान्य सर्दी का कारण बनता है, और यह युवाओं और बहुत बुजुर्गों में फ्लू जैसे लक्षण पैदा कर सकता है।
भाषा धीरज पवनेश
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