मराठा कोटा: जरांगे ने बीड में दशहरा रैली में एकता दिखाने की योजना बनाई

मराठा कोटा: जरांगे ने बीड में दशहरा रैली में एकता दिखाने की योजना बनाई

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  • Publish Date - September 30, 2024 / 01:17 PM IST,
    Updated On - September 30, 2024 / 01:17 PM IST

छत्रपति संभाजीनगर, 30 सितंबर (भाषा) मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने सोमवार को गरीबों और जरूरतमंदों सहित लोगों से महाराष्ट्र में बीड जिले के नारायणगढ़ में आयोजित होने वाली दशहरा रैली में एकता दिखाने की अपील की।

इस साल दशहरा 12 अक्टूबर को मनाया जाएगा।

जरांगे ने यह भी कहा कि वह रैली में बोलेंगे, जिसमें मराठा समुदाय के लोग और किसान शामिल होंगे, लेकिन इस कार्यक्रम में कोई राजनीति नहीं होगी।

वह छत्रपति संभाजीनगर के एक निजी अस्पताल में पत्रकारों से बात कर रहे थे, जहां मराठा समुदाय के लिए ओबीसी कोटा की मांग से संबंधित अनशन खत्म किए जाने के बाद उनका इलाज जारी है।

अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत मराठा समुदाय को आरक्षण देने की मांग को लेकर जरांगे 17 सितंबर को भूख हड़ताल पर बैठे थे, जो एक साल में उनकी छठी हड़ताल थी।

मराठा समुदाय के सदस्यों की अपील का हवाला देते हुए उन्होंने 25 सितंबर को अपना अनशन खत्म कर दिया था।

इस साल फरवरी में, महाराष्ट्र विधानमंडल ने सर्वसम्मति से एक अलग श्रेणी के तहत शिक्षा और सरकारी नौकरियों में मराठाओं के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने वाला एक विधेयक पारित किया था। हालाँकि, जरांगे ओबीसी मद के तहत समुदाय के लिए कोटे की अपनी मांग पर अड़े रहे।

जरांगे ने कहा, ‘‘नारायणगढ़ में एक दशहरा रैली होगी जहां मैं एक भक्त के रूप में जाऊंगा और कार्यक्रम में उपस्थित रहूंगा। मैं नारायणगढ़ आने वाले अपने समुदाय के लोगों का आशीर्वाद मांगूंगा। बीड और मराठवाड़ा तथा काम के सिलसिले में बाहर रहने वाले लोगों को दशहरे पर नारायणगढ़ आना चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारे लिए एकता दिखाने का समय है। राज्य भर से लोगों को नारायणगढ़ आना चाहिए।’’

जरांगे ने कहा कि वह रैली में बोलेंगे, लेकिन कार्यक्रम में कुछ भी राजनीतिक नहीं होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारे लिए एकता दिखाने का मौका है। वहां (रैली में) जाति और राजनीति से कोई संबंध नहीं होगा। हमारी एकता दिखाने के लिए एक सही समय होना चाहिए। यह गरीबों और जरूरतमंद लोगों के लिए सही समय है कि वे अपनी एकता दिखाएं। इसलिए मराठा समुदाय के लोग, किसान नारायणगढ़ आएंगे।”

भाषा नेत्रपाल नरेश

नरेश