किसानों के भारत बंद को कई राजनीतिक दलों ने दिया समर्थन, विधानसभा चुनाव के ठीक एक दिन पहले बुलाया बंद

किसानों के भारत बंद को कई राजनीतिक दलों ने दिया समर्थन, विधानसभा चुनाव के ठीक एक दिन पहले बुलाया बंद

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  • Publish Date - March 25, 2021 / 09:55 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:09 PM IST

नई दिल्ली।  किसानों ने तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ 26 मार्च   को भारत बंद बुलाया है। कई राजनीतिक दलों ने किसानों के  इस बंद को समर्थन दिया है। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने प्रदर्शनकारी किसानों के समर्थन में ट्वीट कर भारत बंद को समर्थन देने की बात कही है।

तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के चल रहे आंदोलन के तहत, शुक्रवार  26 मार्च को भारत बंद का ऐलान किया गया है। संयुक्त किसान मोर्चा के अनुसार आंदोलन के 120 दिन पूरे होने पर इस बंद का आयोजन किया गया है। किसान मोर्चा ने लोगों से बंद को सफल बनाने की अपील की है। मोर्चा ने कहा है कि बंद का कार्यक्रम शुक्रवार सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक के लिए रखा गया है। बंद के दौरान सभी तरह के व्यापार ठप रहेंगे।
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 अपातकालीन सेवाओं को इस बंद से दूर रखा गया है। इसके अलावा सभी तरह के कार्य बंद के दौरान ठप रहेंगे। किसानों  शांति ढ़ंग  रेल और सड़क चक्का-जाम की भी तैयारी है। किसान मजदूर संघर्ष कमेटी बताया कि कल भारत बंद है और इसे सफल करने के लिए हम यहां सभी लोगों को सूचित कर रहे हैं। कल सभी तरह का व्यापार बंद रहेगा। व्यापार मंडल के लोग, ट्रांसपोर्ट यूनियन और ट्रेड यूनियन के लोगों ने इस बंद का समर्थन किया है।

किसान नेताओं ने कहा है कि पूरे भारत में बंद सफल रहेगा। जिन राज्यों में चुनाव होने वाले हैं उन राज्यों को बंद से पृथक  रखा गया है। इससे पहले संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से चक्का जाम किया गया था जिसमें, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश शामिल नहीं था।

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भारत बंद को कई राजनीतिक दलों की तरफ से भी समर्थन दी गयी है। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने प्रदर्शनकारी किसानों के समर्थन में ट्वीट किया है उन्होंने कहा है कि हम 26 मार्च को भारत बंद के आह्वान का समर्थन करते हैं।

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बता दें कि सरकार के साथ 11 दौर की वार्ता के बाद भी दोनों पक्ष के बीच कोई फैसला नहीं हो पाया था। जिसके बाद से सरकार और किसानों के बीच बातचीत बंद है। दोनों ही पक्षों के बीच अंतिम बार वार्ता 22 जनवरी को हुई थी। किसानों की तरफ से इस बंद का आयोजन चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से ठीक एक दिन पहले रखा गया है।