मनोज वर्मा कोलकाता के नये पुलिस आयुक्त नियुक्त ; गोयल के अलावा दो स्वास्थ्य अधिकारी भी हटाये गए

मनोज वर्मा कोलकाता के नये पुलिस आयुक्त नियुक्त ; गोयल के अलावा दो स्वास्थ्य अधिकारी भी हटाये गए

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  • Publish Date - September 17, 2024 / 09:47 PM IST,
    Updated On - September 17, 2024 / 09:47 PM IST

कोलकाता, 17 सितंबर (भाषा) भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के वरिष्ठ अधिकारी मनोज कुमार वर्मा को मंगलवार को विनीत गोयल के स्थान पर कोलकाता का नया पुलिस आयुक्त नियुक्त किया गया।

इससे एक दिन पहले, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आंदोलनकारी कनिष्ठ चिकित्सकों के साथ बैठक की थी और आरजी कर अस्पताल की घटना को लेकर एक महीने से अधिक समय से जारी गतिरोध को हल करने के लिए उनकी मांगों पर सहमति जताई थी।

चिकित्सा शिक्षा निदेशक (डीएमई) डॉ कौस्तव नायक और स्वास्थ्य सेवाएं निदेशक (डीएचएस) डॉ देबाशीष हालदार को उनके पद से हटा दिया है। स्वास्थ्य विभाग के एक आदेश में यह जानकारी दी गई।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और आंदोलनकारी कनिष्ठ चिकित्सकों के बीच सोमवार रात हुई बैठक के बाद यह आदेश जारी किया गया। बैठक में ममता ने नायक और हालदार को उनके पद से हटाने का वादा किया था।

स्वास्थ्य विभाग के आदेश के अनुसार, डॉ स्वप्न सोरेन को स्वास्थ्य सेवाओं का नया प्रभारी निदेशक नियुक्त किया गया है, जबकि डॉ सुपर्णा दत्ता चिकित्सा शिक्षा की विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) होंगी।

हालदार को स्वास्थ्य भवन में सार्वजनिक स्वास्थ्य के विशेष कार्य अधिकारी और नायक को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान का निदेशक नियुक्त किया गया है।

एक अधिकारिक अधिसूचना के अनुसार, गोयल 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। उन्हें पश्चिम बंगाल पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) का अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) तथा पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) बनाया गया था।

नये पुलिस आयुक्त बनाये गए 56 वर्षीय वर्मा 1998 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। इससे पहले वह एडीजी और आईजी (कानून व्यवस्था) की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।

एडीजी और आईजी (कानून व्यवस्था) की जिम्मेदारी अब 1995 बैच के आईपीएस अधिकारी जावेद शमीम को सौंपी गई है।

अधिकारियों के अनुसार, किसी भी स्थानांतरण को पदोन्नति या पदावनति नहीं समझा जाएगा।

आईआईटी खड़गपुर और आईआईटी कानपुर, दोनों के पूर्व छात्र गोयल ने दिसंबर 2021 में सौमेन मित्रा की जगह शहर के शीर्ष पुलिस अधिकारी के रूप में कार्यभार संभाला था।

उनके उत्तराधिकारी वर्मा बैरकपुर पुलिस आयुक्त के पद पर कार्यरत रहे हैं और उग्रवाद रोधी बल के पुलिस अधीक्षक भी रह चुके हैं। उन्होंने जंगलमहल में माओवादियों के खिलाफ राज्य सरकार के अभियान में और कोटेश्वर राव, जिसे आमतौर पर ‘किशनजी’ के नाम से जाना जाता है, के मारे जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

वर्मा दार्जिलिंग के आईजीपी और पश्चिम मेदिनीपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रहने के अलावा सुरक्षा निदेशालय में अतिरिक्त निदेशक भी थे।

राज्य सरकार ने कोलकाता पुलिस के उपायुक्त (उत्तर) अभिषेक गुप्ता को भी हटा दिया और उनकी जगह सिलीगुड़ी पुलिस से दीपक सरकार को लाया गया। गुप्ता को ईस्टर्न फ्रंटियर राइफल्स (ईएफआर) द्वितीय बटालियन का क्षेत्राधिकारी बनाया गया है।

गुप्ता, गोयल की तरह ही आरजी कर बलात्कार-हत्या मामले को लेकर सवालों के घेरे में हैं, क्योंकि उन्होंने 9 अगस्त को मृतक डॉक्टर का शव मिलने के तुरंत बाद उसके माता-पिता को पैसे देने की पेशकश की थी। पीड़िता के माता-पिता ने आरोप लगाया था कि गुप्ता ने रुपये एक प्लास्टिक की थैली में लपेटे और उन्हें देने की पेशकश की।

राज्य विशेष कार्य बल (एसटीएफ) के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) और आईजीपी रहे त्रिपुरारी अथर्व को आर्थिक अपराध निदेशालय का नया निदेशक नियुक्त किया गया।

आंदोलनकारी कनिष्ठ चिकित्सकों में से एक ने कहा कि उन्होंने सरकार का आदेश देखा है और अपनी बैठक करने के बाद आगे की रणनीति की घोषणा करेंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारी एक बैठक होगी और फिर हम इस बारे में निर्णय लेंगे कि क्या आगे भी काम बंद रखा जाए।’’

प्रशिक्षु चिकित्सक से दुष्कर्म और उसकी हत्या के विरोध में पिछले 39 दिनों से प्रदर्शन कर रहे कनिष्ठ चिकित्सक राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र में भ्रष्टाचार में कथित संलिप्तता के लिए स्वास्थ्य सेवा निदेशक, चिकित्सा शिक्षा निदेशक और स्वास्थ्य सचिव को हटाने की मांग कर रहे थे।

भाषा सुभाष माधव

माधव