नयी दिल्ली, 28 दिसंबर (भाषा) आर्थिक सुधारों के जनक और राजनीति में सादगी तथा सौम्यता के प्रतीक पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह शनिवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। उनका यहां राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया।
सिंह की बेटी ने उनकी चिता को मुखाग्नि दी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा और कई अन्य हस्तियों ने सिंह को अंतिम विदाई दी।
भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक और मॉरीशस के विदेश मंत्री धनंजय रामफुल ने शनिवार को यहां निगमबोध घाट पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को श्रद्धासुमन अर्पित किए।
सिंह की अंत्येष्टि के समय उनकी पत्नी गुरशरण कौर, तीनों पुत्रियां और कई रिश्तेदार मौजद थे।
पूर्व प्रधानमंत्री का सिख धर्म के अनुष्ठानों के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
इससे पहले, कांग्रेस मुख्यालय से निगमबोध घाट तक उनकी अंतिम यात्रा निकली। इस दौरान कांग्रेस के कार्यकर्ता ‘‘जब तक सूरज चांद रहेगा, मनमोहन आपका नाम रहेगा’’ और ‘‘मनमोहन सिंह अमर रहें’’ जैसे नारे लगाते रहे।
सिंह का पार्थिव शरीर जिस वाहन में रखा गया, उसमें कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, सिंह के परिवार के कुछ सदस्य और कांग्रेस के कुछ नेता भी बैठे थे।
अंतिम यात्रा से पहले सिंह का पार्थिव शरीर कांग्रेस मुख्यालय ‘24 अकबर रोड’ में रखा गया था जहां सोनिया गांधी, खरगे, राहुल गांधी और पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
पूर्व प्रधानमंत्री का पार्थिव शरीर उनके आवास से सुबह करीब नौ बजे कांग्रेस मुख्यालय लाया गया, जहां पार्टी के नेता और कार्यकर्ता उनके अंतिम दर्शन के लिए पहले से ही इंतजार कर रहे थे।
सिंह का पार्थिव शरीर रखे जाने के बाद सोनिया गांधी, खरगे, राहुल गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा तथा पार्टी के कई अन्य नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
पूर्व प्रधानमंत्री सिंह की पत्नी गुरशरण कौर और उनके परिवार के कुछ अन्य सदस्य भी कांग्रेस मुख्यालय में मौजूद थे। गुरशरण कौर ने भी पुष्प अर्पित करके अपने पति को अंतिम विदाई दी।
राहुल गांधी मनमोहन सिंह के परिवार को ढांढस बंधाते हुए उनके साथ पार्टी मुख्यालय के भीतर दाखिल हुए।
पूर्व प्रधानमंत्री के अंतिम दर्शन के लिए बड़ी संख्या में कार्यकर्ता पहले से ही कतारबद्ध थे और उन्होंने भारतीय राजनीति के इस सौम्य नेता को नम आंखों से श्रद्धांजलि दी।
कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रगान गाकर उन्हें विदाई दी।
कांग्रेस ने निगमबोध घाट पर अंत्येष्टि के सरकार के फैसले पर सवाल खड़े करते हुए शुक्रवार को कहा था कि सिंह का अंतिम संस्कार ऐसे स्थान पर होना चाहिए जहां उनका स्मारक भी बन सके।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने आरोप लगाया था कि सिंह की अंत्येष्टि और स्मारक के लिए स्थान नहीं ढूंढ़ पाना भारत के पहले सिख प्रधानमंत्री का जानबूझकर किया गया अपमान है।
इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार रात कहा था कि सरकार पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए स्थान आवंटित करेगी।
भारत में आर्थिक सुधारों के जनक कहे जाने वाले पूर्व वित्त मंत्री और दो बार प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह का बृहस्पतिवार को निधन हो गया था। वह 92 साल के थे।
सिंह का पार्थिव शरीर शुक्रवार को उनके आवास ‘3 मोतीलाल नेहरू मार्ग’ पर लोगों के अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था, जहां दलगत भावना से ऊपर उठकर नेताओं ने दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि दी थी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी सहित कई प्रमुख नेताओं तथा अन्य हस्तियों ने मनमोहन सिंह को उनके आवास पर शुक्रवार को श्रद्धांजलि दी थी।
कांग्रेस नेता सिंह 2004 से 2014 तक 10 वर्ष देश के प्रधानमंत्री रहे और उससे पहले उन्होंने वित्त मंत्री के रूप में देश के आर्थिक ढांचे को मजबूत करने में मदद की। वह वित्तीय और आर्थिक क्षेत्रों में वैश्विक स्तर की एक प्रसिद्ध हस्ती थे।
उनके नेतृत्व वाली सरकार ने सूचना का अधिकार (आरटीआई), शिक्षा का अधिकार (आरटीई) और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) जैसी युग परिवर्तनकारी योजनाओं की शुरुआत की।
हमेशा नीली पगड़ी पहनने वाले सिंह को 1991 में नरसिंह राव सरकार में भारत का वित्त मंत्री नियुक्त किया गया था। आर्थिक सुधारों की एक व्यापक नीति शुरू करने में उनकी भूमिका को दुनिया भर में मान्यता प्राप्त है।
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