नयी दिल्ली, 27 दिसंबर (भाषा) पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अपनी सुरक्षा टीम के साथ हमेशा सहयोग करते थे और वह अपनी सुरक्षा में तैनात कर्मियों की चिंता भी खूब करते थे। मनमोहन सिंह की सुरक्षा के बाहरी घेरे की जिम्मेदारी संभालने वाले भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के एक सेवानिवृत्त अधिकारी ने यह बात कही।
छह वर्ष तक दिल्ली पुलिस की सुरक्षा इकाई में काम करने वाले सुनील गर्ग ने एक किस्से को याद करते हुए ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि कड़ाके की ठंड के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री ने उनसे अपने घर के आसपास तैनात कर्मियों के लिए चाय और कॉफी की व्यवस्था करने के लिए कहा था।
गर्ग ने कहा, ‘‘मैं किसी मुद्दे पर उनसे मिलने गया था, तब उन्होंने मुझसे प्रधानमंत्री आवास के आसपास तैनात हमारे कर्मचारियों के बारे में पूछा। उन्होंने (मनमोहन सिंह ने) कहा कि हमेशा उनका (कर्मचारियों) ख्याल रखना और उन्हें चाय या कॉफी देते रहना।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह सिर्फ दो मिनट की मुलाकात थी।’’
सुनील गर्ग 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी थे और उन्होंने छह वर्ष तक दिल्ली पुलिस की प्रधानमंत्री सुरक्षा इकाई का नेतृत्व किया।
सुनील गर्ग ने 2014 तक अतिरिक्त आयुक्त और संयुक्त आयुक्त के रूप में कार्य किया था। वह पिछले साल दिल्ली पुलिस की प्रशिक्षण इकाई में विशेष आयुक्त के पद से सेवानिवृत्त हुए।
गर्ग ने कहा कि ऐसे कई वाकये हैं जब मनमोहन सिंह ने अपनी सुरक्षा इकाई में तैनात कर्मचारियों की कुशलक्षेम जानी।
प्रधानमंत्री की सुरक्षा का जिम्मा एसपीजी (विशेष सुरक्षा समूह) संभलता है लेकिन बाहरी घेरे में दिल्ली पुलिस के जवानों के साथ-साथ अन्य अर्धसैनिक बल के जवान भी तैनात रहते हैं।
भारत के ‘आर्थिक सुधारों के जनक’ सिंह का बृहस्पतिवार रात 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया।
गर्ग ने सिंह को शांत और संयमित व्यक्ति बताया, जो हमेशा प्रोटोकॉल का पालन करते थे और सुरक्षा कर्मियों के साथ सहयोग करते थे।
गर्ग ने कहा, ‘‘मैंने उन्हें (मनमोहन सिंह) कभी घबराते नहीं देखा। एजेंसियों द्वारा जारी किए गए खतरों के अलर्ट के दौरान भी वह कभी नहीं घबराए और उन्होंने हमेशा सुरक्षा नियमों का पालन किया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वह (मनमोहन सिंह) हमेशा अपने सुरक्षाकर्मियों से मुस्कुराते हुए मिलते थे। एक बार उन्होंने मुझसे दिल्ली पुलिस के काम और कार्यप्रणाली के बारे में भी पूछा था।’’
बाहरी घेरे की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने वाले सुनील गर्ग ने छह वर्षों में सिंह से लगभग चार से पांच बार मुलाकात की थी।
उन्होंने कहा, ‘‘जब मुझे 2008 में राष्ट्रपति पुलिस पदक मिला, तो सिंह ने मुझे सम्मानित करने के लिए एक अनौपचारिक समारोह में मेरी वर्दी पर खुद पदक लगाया। उस समय मैं अपनी पत्नी के साथ था।’’
भाषा जितेंद्र शोभना
शोभना