इंफाल, सात जनवरी (भाषा) विभिन्न गांवों के लोगों ने अधिकारियों से उयोक पहाड़ियों से केंद्रीय बलों को स्थानांतरित न करने का आग्रह करते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया है, जहां हाल ही में उग्रवादियों और सुरक्षा कर्मियों के बीच झड़पें हुई थीं।
अधिकारियों ने बताया कि सैबोल के करीब थामनापोकपी, सनसाबी और याइंगांगपोकपी के ग्रामीण सोमवार शाम से उयोक पहाड़ियों की तलहटी में धरने पर बैठे हैं।
अधिकारियों ने कहा कि ग्रामीणों को डर है कि हाल ही में इंफाल पूर्वी जिले की सीमा पर स्थित सैबोल गांव में तैनात बीएसएफ और सीआरपीएफ जैसे केंद्रीय बलों के सदस्यों को “दबाव में” हटाया जा सकता है।
कांगपोकपी जिले के पुलिस अधीक्षक तीन जनवरी की शाम को तब घायल हो गए थे, जब सैबोल से केंद्रीय बल को हटाने में अधिकारी की कथित विफलता को लेकर भीड़ ने उनके कार्यालय पर हमला किया था।
कुकी संगठन उस गांव में 31 दिसंबर को सुरक्षा बलों द्वारा महिलाओं पर कथित लाठीचार्ज किए जाने का विरोध कर रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों में से एक, मंगी लीमा ने कहा, ‘हमने अपुष्ट खबर सुनी है कि उयोक पहाड़ियों पर तैनात केंद्रीय बलों को हटाया जाएगा। इसलिए, हम सीआरपीएफ और बीएसएफ से कुकी समूहों के दबाव में न आने की अपील करने के लिए यहां डेरा डाले हुए हैं।’’
लीमा ने दावा किया कि अगर वहां से सुरक्षा बलों को हटा लिया जाता है, तो हथियारबंद बदमाश फिर से गांवों पर हमला करेंगे।
पिछले महीने संदिग्ध आदिवासी उग्रवादियों और सुरक्षा बलों के बीच गोलीबारी हुई थी। सैबोल गांव के बाहरी इलाके में स्थित हथियारबंद लोगों ने निचले इलाकों के गांवों थमनापोकपी और सनासाबी पर गोलीबारी की थी, जिसमें एक पुलिसकर्मी सहित चार लोग घायल हो गए थे।
हमले के बाद, केंद्रीय बल अवैध बंकरों को नष्ट करते हुए सैबोल गांव में चले गए।
मणिपुर मई 2023 से कुकी और मैतेई समुदायों के बीच जातीय संघर्ष की चपेट में है, जिसमें 250 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और हजारों लोग बेघर हुए हैं।
भाषा
मनीषा नरेश
नरेश
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