चुराचंद्रपुर, 19 नवंबर (भाषा) मणिपुर के जिरीबाम में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए लोगों के लिए न्याय की मांग को लेकर चुराचांदपुर जिले में मंगलवार को सैकड़ों प्रदर्शनकारी खाली ताबूतों के साथ सड़कों पर उतरे और प्रदर्शन किया।
मणिपुर पुलिस के अनुसार, पिछले सप्ताह सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में दस संदिग्ध उग्रवादी मारे गए थे, जब सुरक्षा बलों जैसी वर्दी पहने और अत्याधुनिक हथियारों से लैस होकर आये उग्रवादियों ने बोरोबेकरा पुलिस थाने और जिरीबाम के जकुराधोर स्थित केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) शिविर पर अंधाधुंध गोलीबारी की थी।
ज्वाइंट फिलन्थ्रापिक आर्गेनाइजेशन (जेपीओ) द्वारा आयोजित रैली पूर्वाह्न करीब 11 बजे शुरू हुई। इसमें शामिल लोगों ने मारे गए लोगों के लिए न्याय और पर्वतीय इलाकों में अलग प्रशासन की मांग वाली तख्तियां ले रखी थीं।
मार्च का समापन ‘वॉल ऑफ रिमेंबरेंस’ पर हुआ, जो पिछले साल मई से राज्य में जातीय हिंसा में मारे गए कुकी लोगों की याद में बनाया गया एक स्मारक है।
बाद में, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को संबोधित एक ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा गया।
कुकी-जो समूह दावा कर रहे हैं कि जिरीबाम में मारे गए लोग गांव के स्वयंसेवक थे। हालांकि, राज्य पुलिस ने इस दावे का खंडन करने के लिए गोलीबारी खत्म होने के बाद मौके पर बड़ी संख्या में हथियार और गोला-बारूद पाए जाने का हवाला दिया।
पिछले साल मई से इंफाल घाटी में मेइती और आसपास के पर्वतीय इलाकों में रहने वाले कुकी-जो समूहों के बीच जातीय हिंसा में 220 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।
जातीय विविधता वाले जिरीबाम में इस वर्ष जून में एक किसान का क्षत-विक्षत शव एक खेत में पाए जाने के बाद हिंसा हुई है। जिरीबाम उससे पहले तक झड़पों से काफी हद तक अछूता रहा था।
भाषा अमित प्रशांत
प्रशांत