इंफाल, 26 नवंबर (भाषा) मणिपुर में मेइती समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले विभिन्न नागरिक समाज संगठनों के एक शीर्ष निकाय ने मंगलवार को कहा कि उसने अफस्पा हटाने और संदिग्ध कुकी उग्रवादियों के खिलाफ अभियान की मांग को लेकर 27 नवंबर से दो दिन तक केंद्र और राज्य सरकार के कार्यालयों के लिए बंद आहूत करने का फैसला किया है।
‘कोआर्डिनेटिंग कमेटी आन मणिपुर इंटीग्रिटी’ (सीओसीओएमआई) के समन्वयक थोकचोम सोमोरेंड्रो ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार संदिग्ध कुकी उग्रवादियों के खिलाफ अभियान शुरू करने के लिए 18 नवंबर को विधायकों की बैठक के दौरान मंजूर किये गए प्रस्ताव पर कार्रवाई करने में ‘‘विफल’’ रही है।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘राज्य सरकार ने 18 नवंबर को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) विधायकों की बैठक में अफस्पा हटाने और कुकी उग्रवादियों के खिलाफ सात दिनों के भीतर ‘बड़े पैमाने पर अभियान’ चलाने का प्रस्ताव पारित किया था। हालांकि, सरकार निर्धारित समय सीमा के भीतर अपने प्रस्ताव पर कार्रवाई करने में विफल रही है।’’
बैठक 18 नवंबर की रात को हुई थी जिसमें 27 विधायकों ने हिस्सा लिया था।
सोमोरेंड्रो ने कहा, ‘‘सरकार द्वारा प्रस्ताव पर कार्रवाई करने में विफलता के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने के लिए, बुधवार से दो दिनों के लिए राज्य और केंद्र सरकार के सभी कार्यालयों पर ताला लगाया जाएगा और उन्हें बंद किया जाएगा।’’
उन्होंने कहा कि आवश्यक सेवाओं और शैक्षणिक संस्थानों से जुड़े कार्यालयों को ‘‘बंद से छूट’’ दी जाएगी।
एक बयान में कहा गया था कि मणिपुर में सत्तारूढ़ भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के विधायकों की बैठक के दौरान, जिरीबाम जिले में तीन महिलाओं और तीन बच्चों की हत्या के लिए जिम्मेदार संदिग्ध कुकी उग्रवादियों के खिलाफ सात दिनों के भीतर ‘बड़े पैमाने पर अभियान’ चलाने का प्रस्ताव पारित किया गया।
बयान में कहा गया था, ‘‘केंद्र सरकार 14 नवंबर के आदेश के अनुसार तत्काल प्रभाव से अफस्पा (सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम) लागू करने की समीक्षा करेगी।’’
केंद्र ने हाल ही में मणिपुर के छह पुलिस थानाक्षेत्रों में सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) अधिनियम को फिर से लागू किया है, जिसमें हिंसा प्रभावित जिरीबाम भी शामिल है।
सोमोरेंड्रो ने यह भी दावा किया कि मेइती का शीर्ष संगठन राज्य में संकट के समाधान तक केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का बहिष्कार करेगा।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘शाह शांति बहाल करने और संकट को हल करने में विफल रहे हैं। हम तत्काल प्रभाव से उनका बहिष्कार कर रहे हैं।’’
सीओसीओएमआई ने मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के मंत्रिमंडल में दो कुकी मंत्रियों को हटाने की भी मांग की।
मणिपुर में हिंसा तब बढ़ गई जब मेइती समुदाय की तीन महिलाएं और तीन बच्चे जिरीबाम में एक राहत शिविर से लापता हो गए। ग्यारह नवंबर को सुरक्षा बलों और संदिग्ध कुकी-जो उग्रवादियों के बीच गोलीबारी में 10 उग्रवादियों की मौत हो गई। बाद में उन छह लोगों के शव बरामद किए गए।
पिछले साल मई से इंफाल घाटी में स्थित मेइती और आसपास के पहाड़ों पर रहने वाले कुकी-जो समूहों के बीच जातीय हिंसा में 250 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।
भाषा अमित अविनाश
अविनाश