नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2019 में देश की जनता से अपना जनादेश दे दिया है। देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ये लहर सुनामी में बदल गई। इस सुनामी में पहली बार आरजेडी का खाता तक नहीं खुला है। महागठबंधन की बात करें तो आरजेडी, कांग्रेस, रालोसपा, हम, वीआईपी और सीपीआईएम के गठबंधन को केवल एक सीट, किशनगंज से काम चलाना पड़ा।
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एनडीए दलों में नेताओं के बीच जबरदस्त तालमेल देखने को मिला। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ 8 सभा समेत कुल 171 जनसभा की, जिनमें सुशील मोदी के साथ 23 और केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान के साथ 22 सभाएं भी शामिल हैं।
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लिहाजा बिहार में प्रधानमंत्री मोदी की लहर और नितीश कुमार के काम का ऐसा जादू चला कि, एनडीए के खाते में 40 में से 39 आ गई। लिहाजा इससे पहले देश में ऐसा रिजल्ट आपातकाल विरोधी लहर और 1984 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उपजी सहानूभूति की लहर में ही देखने को मिले थे।
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