नाबालिग लड़की का चोरी छिपे वीडियो बनाने के दोषी को पांच वर्ष सश्रम कारावास

नाबालिग लड़की का चोरी छिपे वीडियो बनाने के दोषी को पांच वर्ष सश्रम कारावास

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  • Publish Date - January 31, 2025 / 08:46 PM IST,
    Updated On - January 31, 2025 / 08:46 PM IST

नयी दिल्ली, 31 जनवरी (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने एक नाबालिग लड़की का चोरी छिपे वीडियो बनाने और उसकी ‘‘शारीरिक निजता’’ के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करने के मामले में एक व्यक्ति को पांच साल के कारावास की सजा सुनाई है।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुशील बाला डागर ने व्यक्ति की सजा के मुद्दे पर दलीलें सुनीं। आरोपी को 2017 में मामला दर्ज होने के बाद यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की धारा 14 (अश्लील उद्देश्यों के लिए किसी बच्चे का उपयोग करने के लिए सजा) और 12 (यौन उत्पीड़न) के तहत दोषी ठहराया गया था।

अदालत ने कहा, ‘‘एक नागरिक होने के नाते प्रत्येक बच्चे को जीवन का मौलिक अधिकार प्राप्त है, जिसमें निजता का अधिकार भी शामिल है, जो सभी अधिकारों में सबसे बुनियादी है। ऐसे विकृत कृत्यों में लिप्त दुर्व्यवहार करने वालों को यह एहसास नहीं होता है कि वे पीड़ित के शरीर की निजता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन कर रहे हैं।’’

अदालत ने 29 जनवरी के फैसले में कहा कि दोषी ने बाथरूम में नाबालिग लड़की का चोरी छिपे से वीडियो बनाया।

इसने कहा, ‘‘जो पुरुष इस तरह की चीजों में लिप्त होते हैं उन्हें इस बात का एहसास नहीं होता कि इस तरह के कृत्यों से पीड़ित बच्चा कैसे प्रभावित हो सकता है।’’

अतिरिक्त लोक अभियोजक योगिता कौशिक दहिया ने कहा कि दोषी ‘‘घृणित और निंदनीय’’ कृत्य के चलते नरमी बरते जाने का हकदार नहीं है।

अदालत ने कहा, ‘‘अपराध की गंभीरता इसमें दी जाने वाली सजा की सीमा में नहीं, बल्कि सामाजिक मानस और सार्वजनिक व्यवस्था पर इसके प्रभाव में निहित है।’’ इसने 25 वर्षीय दोषी को पॉक्सो अधिनियम के तहत पांच साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई।

अदालत ने कहा कि पीड़िता को तीन लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।

भाषा नेत्रपाल धीरज

धीरज