कोलकाता में अस्पताल में भीड़ ने एक व्यक्ति को पीटा, चिकित्सकों ने सुरक्षा स्थिति पर चिंता व्यक्त की

कोलकाता में अस्पताल में भीड़ ने एक व्यक्ति को पीटा, चिकित्सकों ने सुरक्षा स्थिति पर चिंता व्यक्त की

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  • Publish Date - October 13, 2024 / 04:54 PM IST,
    Updated On - October 13, 2024 / 04:54 PM IST

कोलकाता, 13 अक्टूबर (भाषा) कोलकाता में रविवार को पश्चिम बंगाल सरकार के एसएसकेएम अस्पताल के ‘ट्रामा केयर’ विभाग में पहुंचने के बाद एक युवक को कुछ लोगों ने कथित रूप से हमला कर घायल कर दिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

यह घटना तब हुई जब उसके पास ही जूनियर चिकित्सकों का एक समूह आर जी कर अस्पताल के कथित बलात्कार- हत्याकांड में इंसाफ तथा सरकारी चिकित्सा केंद्रों में कड़े सुरक्षा उपायों समेत 10 सूत्री मांगों पर दबाव बनाने के लिए आमरन अनशन पर बैठा है।

एसएसकेएम अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि यह युवक अपने कुछ दोस्तों के साथ ट्रामा सेंटर आया था और करीब 15 लोगों ने मारपीट कर उसे घायल कर दिया।

हमलावरों ने संभवत: अपनी गाड़ियां इस बड़े अस्पताल के बाहर खड़ी कर रखी थीं।

कोलकाता पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि ऐसी खबर है कि यह युवक एक गिरोह का हिस्सा है और इस गिरोह की उससे पहले दिन में पास के एक क्षेत्र में प्रतिद्वंद्वी गिरोह के साथ झड़प हुई थी।

उन्होंने बताया कि जब एक समूह के सदस्य इलाज के लिए अस्पताल आये तब दूसरा समूह भी वहां पहुंच गया और उसने युवक को बुरी तरह पीटा।

अधिकारी ने कहा, ‘‘ हम हमलावरों की पहचान करने के लिए क्षेत्र के सीसीटीवी फुटेज को खंगाल रहे हैं। पुलिस ने ट्रामा केयर सेंटर के गेट से पहले अवरोधक लगा दिया है।’’

अस्पताल के अधिकारी ने कहा कि एक अन्य मरीज के रिश्तेदार को भी गिरोह के सदस्यों ने हॉकी स्टिक, लोहे की छड़ों एवं चेन से पीटा।

यह घटना ऐसे समय हुई है जब कोलकाता के निकट ‘कॉलेज ऑफ मेडिसिन एंड सागर दत्ता हॉस्पीटल’ में महिला चिकित्सकों और नर्सिंग कर्मियों पर एक मरीज की मौत के बाद उसके परिजनों ने हमला किया था। इस घटना के बाद चिकित्सकों ने सुरक्षा की मांग को लेकर फिर से आंदोलन शुरू कर दिया है।

एक अन्य अस्पताल की जूनियर चिकित्सक उत्सा हाजरा ने संवाददाताओं से कहा कि एसएसकेएम की घटना ने अस्पतालों में सुरक्षा पर प्रश्न चिह्न खड़ा कर दिया है।

उन्होंने जूनियर चिकित्सकों के भूख हड़ताल स्थल पर कहा, ‘‘ अगर बाहरी लोग एसएसकेएम जैसे उच्च स्तरीय अस्पताल में घुसकर मरीजों की पिटाई कर सकते हैं तो इससे यही पता चलता है कि प्रशासन द्वारा अस्पताल की सुरक्षा का दावा कितना खोखला है।’’

यह भूख हड़ताल दो चरणों में लगभग 50 दिनों तक चले ‘काम बंद’ के बाद पांच अक्टूबर से शुरू हुई। उनका आंदोलन नौ अगस्त को राज्य सरकार के आर जी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक स्नातोकोत्तर प्रशिक्षु चिकित्सक से कथित तौर पर बलात्कार और हत्या के बाद शुरू हुआ।

इस घटना के अगले दिन कोलकाता पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। सीबीआई अब कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर इस मामले की जांच कर रही है।

भाषा राजकुमार नरेश

नरेश