किसान को पहनावे की वजह से प्रवेश नहीं देने वाले मॉल को सात दिन के लिए बंद करने का आदेश

किसान को पहनावे की वजह से प्रवेश नहीं देने वाले मॉल को सात दिन के लिए बंद करने का आदेश

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  • Publish Date - July 18, 2024 / 05:57 PM IST,
    Updated On - July 18, 2024 / 05:57 PM IST

बेंगलुरु, 18 जुलाई (भाषा) कर्नाटक सरकार ने बृहस्पतिवार को उस मॉल को सात दिन तक बंद करने का आदेश दिया है, जिसने एक किसान को धोती और एक सफेद कमीज़ पहने होने की वजह से कथित रूप से प्रवेश की अनुमति नहीं दी थी।

किसान को मॉल में कथित रूप से प्रवेश नहीं देने की घटना की विधानसभा में सभी पार्टी के सदस्यों ने कड़ी निंदा की है।

सरकार ने किसान के कथित अपमान को “गरिमा और स्वाभिमान” पर आघात बताया और कहा कि इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

शहरी विकास मंत्री बी. सुरेश ने सदन को बताया, “मैंने बीबीएमपी (बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका) आयुक्त से पूछा कि क्या किया जा सकता है। सरकार के पास अधिकार है। (जी टी वर्ल्ड) मॉल के खिलाफ कानून के अनुसार तुरंत कार्रवाई की जाएगी और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि मॉल सात दिनों के लिए बंद रहे।”

समाज कल्याण मंत्री एच. सी. महादेवप्पा ने कहा कि यह घटना निंदनीय है। उन्होंने कहा, “हर व्यक्ति के लिए आत्मसम्मान और गरिमा महत्वपूर्ण है, इसका उल्लंघन किया गया है और सरकार कार्रवाई करेगी।”

यह घटना मंगलवार को उस समय घटित हुई जब हावेरी जिले के 70 वर्षीय फकीरप्पा अपनी पत्नी और बेटे के साथ मल्टीप्लेक्स में फिल्म देखने के लिए मॉल गए थे।

फकीरप्पा ने कथित तौर पर सफेद कमीज़ और ‘पंचे’ (धोती) पहन रखी थी। मॉल के सुरक्षा कर्मचारी ने कथित तौर पर उन्हें और उनके बेटे से कहा कि उन्हें ‘पंचे’ पहनकर अंदर जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। कर्मचारी से उनसे कहा कि वह “पतलून पहनकर आएं।”

इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष यू टी खादर ने यह मुद्दा उठाया और सरकार से कार्रवाई करने को कहा।

रानीबेन्नूर से कांग्रेस विधायक प्रकाश कोलीवाड ने कहा कि किसान उनके निर्वाचन क्षेत्र के तहत आने वाले गांव का निवासी है।

उन्होंने कहा, “ किसान ने अपने सभी नौ बच्चों को पढ़ाया लिखाया है। उनका एक बेटा यहां बेंगलुरु में एमबीए की पढ़ाई कर रहा है और बेटा अपने पिता को मॉल दिखाने ले जाना चाहता था। किसान के पहनावे के कारण उसका अपमान किया गया और मॉल को बंद कर देना चाहिए।”

विपक्ष के नेता आर. अशोक ने कहा कि इस तरह के मुद्दों पर सदन में पहले भी चर्चा हो चुकी है, लेकिन नतीजा क्या निकला। अध्यक्ष या सरकार को कुछ आदेश जारी करने होंगे, जिनका नौकरशाह सख्ती से पालन करे।

भाषा नोमान रंजन

रंजन