नई दिल्ली। Shankaracharya Nischalanand : देश में इन दिनों मंदिर और मस्जिद का विवाद छिड़ा हुआ है। ज्ञानवापी से लेकर काशी-मथुरा की बात उठ रही है। सवाल देश के धर्मनिरपेक्ष ढांचे और संविधान की भी उठाई जा रही है, लेकिन इसी बीच, हिंदुओं से सबसे बड़े धर्मगुरू कहे जाने वाले पुरी पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद ने हिंदू राष्ट्र को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है। उनका कहना है कि दुनिया में कोई भी धर्मनिरपेक्ष नहीं हो सकता। उन्होंने यहां तक कहा कि अगले तीन सालों में भारत हिंदू राष्ट्र हो जाएगा। अब सवाल है कि शंकराचार्य के बयान का आधार क्या है? क्या देश का संविधान, यहां की व्यवस्था इसकी इजाजत देती है?
दरअसल, पुरी पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चालानंद ने हाल ही में बयान दिया था कि भारत के हिंदू राष्ट्र बनते ही 15 देश खुद को हिंदू राष्ट्र घोषित कर देंगे। हाल ही में शंकराचार्य निश्चलानंद ने नागौर में रविवार को हिंदू राष्ट्र संगोष्ठी को संबोधित किया। इस दौरान अपने संबोधन में उन्होंने ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग के सवाल पर कहा कि ‘ज्ञानवापी की क्या बात करते हैं, हम तो मक्का तक पहुंच गए हैं, वहां भी मक्केश्वर महादेव हैं। भारत हिंदू राष्ट्र है, लेकिन अगर सरकार इसे हिंदू राष्ट्र घोषित करती है तो नेपाल, मॉरीशस समेत दुनिया के 15 देश हिंदू राष्ट्र घोषित होने की तैयारी में हैं।’
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इसके अलावा उन्होंने बयान दिया कि दुनिया के 15 देश हिंदू राष्ट्र बनने की तैयारी में हैं, वे सिर्फ भारत के रुख का इंतजार कर रहे हैं। इसके साथ ही शंकराचार्य ने युवाओं पर वेस्टर्न कल्चर के असर पर कहा कि- ‘मैं भी दिल्ली में पढ़ा हूं, लेकिन पाश्चात्य संस्कृति अपने पर हावी नहीं होने दी।’ इसके अलावा यहां उन्होंने लम्पी वायरस को लेकर की चिंता जताई। अपने संबोधन के दौरान लंपी बीमारी पर चिंता जताते हुए शंकराचार्य ने कहा कि ‘मानव जीवन के लिए गाय बेहद उपयोगी है।’
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