लोकसभा चुनाव में ‘साहेब’ को खुश किया, विधानसभा चुनाव में मुझे प्रसन्न करें:अजित ने मतदाताओं से कहा

लोकसभा चुनाव में ‘साहेब’ को खुश किया, विधानसभा चुनाव में मुझे प्रसन्न करें:अजित ने मतदाताओं से कहा

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  • Publish Date - November 3, 2024 / 05:58 PM IST,
    Updated On - November 3, 2024 / 05:58 PM IST

बारामती, तीन नवंबर (भाषा) महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने रविवार को बारामती के लोगों से राज्य के विधानसभा चुनावों में उन्हें उसी तरह से खुश करने की अपील की, जैसे उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव में ‘साहेब’ को किया था।

‘साहेब’ से अजित पवार का इशारा उनके चाचा शरद पवार की तरफ था।

लोकसभा चुनाव में राकांपा (शरदचंद्र पवार) नेता और पार्टी प्रमुख शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने बारामती में हुए एक ‘हाई-प्रोफाइल’ मुकाबले में अपने चचेरे भाई अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार को करारी शिकस्त दी थी।

पिछले साल जुलाई में अजित पवार और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के कई नेता राज्य में एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल हो गए थे, जिससे शरद पवार द्वारा स्थापित पार्टी दो हिस्सों में बंट गई थी।

राकांपा प्रमुख अजित पवार 20 नवंबर को होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव में पुणे जिले की बारामती विधानसभा सीट से किस्मत आजमा रहे हैं। अजित का मुकाबला उनके भतीजे और राकांपा (शरदचंद्र पवार) उम्मीदवार युगेंद्र पवार से है।

युगेंद्र ने 28 अक्टूबर को जब इस सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया, तो शरद पवार (83) और सुप्रिया सुले उनके साथ थे।

अजित पवार रविवार को बारामती तहसील के कई गांवों के दौरे पर थे, जहां उन्होंने स्थानीय लोगों से मुलाकात कर कई मुद्दों पर चर्चा की।

सांवल गांव में स्थानीय लोगों को संबोधित करते हुए अजित पवार ने कहा, ‘‘अगर सुप्रिया लोकसभा चुनाव हार जातीं, तो साहेब (शरद पवार) को इस उम्र में कैसा महसूस होता, यही सोचकर आपने उन्हें वोट दिया, लेकिन अब विधानसभा चुनाव में मुझे वोट दें।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आपने लोकसभा चुनाव में ‘साहेब’ को खुश किया, अब विधानसभा चुनाव में मेरे पक्ष में मतदान कर मुझे प्रसन्न करें। ‘साहेब’ अपने तरीके से काम करेंगे, मैं अपने तालुका के विकास के लिए अपनी शैली में काम करूंगा।’’

एक अन्य गांव के दौरे के दौरान अजित पवार ने दावा किया कि बारामती के लोगों को पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने नियमों से परे जाकर काम किया।

भाषा संतोष पारुल

पारुल