महाराष्ट्र सरकार भड़काऊ भाषा के इस्तेमाल के बावजूद मंत्री नितेश राणे को बचा रही : जलील

महाराष्ट्र सरकार भड़काऊ भाषा के इस्तेमाल के बावजूद मंत्री नितेश राणे को बचा रही : जलील

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  • Publish Date - March 22, 2025 / 08:00 PM IST,
    Updated On - March 22, 2025 / 08:00 PM IST

छत्रपति संभाजीनगर, 22 मार्च (भाषा) ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के पूर्व सांसद इम्तियाज जलील ने महाराष्ट्र सरकार पर मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता नितेश राणे को जानबूझकर सांप्रदायिक बयानबाजी करने की अनुमति देने का आरोप लगाया।

जलील ने कहा कि राणे ने मुसलमानों के खिलाफ भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल किया था। उन्होंने एक मराठी समाचार चैनल के ‘माझा महाराष्ट्र माझा विजन’ कार्यक्रम में कहा कि राणे को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए था, क्योंकि उन्होंने मस्जिदों में घुसकर मुसलमानों को पीटने की सार्वजनिक रूप से धमकी दी थी।

जलील ने कहा, “अकबरुद्दीन ओवैसी (एआईएमआईएम नेता) के बयान के बाद तुरंत मामला दर्ज किया गया था, लेकिन जब नितेश राणे ने सार्वजनिक मंच का इस्तेमाल करते हुए कहा कि वह मस्जिदों में घुसकर मुसलमानों को पीटेंगे, तब उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।”

एआईएमआईएम की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष जलील ने शुक्रवार को कहा, “उनके (राणे के) खिलाफ तुरंत मामला दर्ज कर उन्हें मौके से ही गिरफ्तार किया जाना चाहिए था।”

जलील ने कहा कि ऐसा लगता है कि महायुति सरकार ने कुछ लोगों को भड़काऊ भाषण देने का काम सौंपा है। उन्होंने आरोप लगाया कि नागपुर हिंसा के कुछ आरोपियों को सरकार का समर्थन हासिल है।

जलील ने पिछले विधानसभा चुनावों में महायुति की शानदार जीत पर टिप्पणी करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कभी नहीं सोचा था कि उनका गठबंधन इतनी सीटें जीतेगा।

उन्होंने दावा किया कि मराठा आरक्षण के मुद्दे को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।

भाषा जितेंद्र पारुल

पारुल