महाराष्ट्र: चुनाव और ईवीएम के बारे में झूठे दावों के लिए पूर्व पुलिसकर्मी के खिलाफ एक और प्राथमिकी

महाराष्ट्र: चुनाव और ईवीएम के बारे में झूठे दावों के लिए पूर्व पुलिसकर्मी के खिलाफ एक और प्राथमिकी

महाराष्ट्र: चुनाव और ईवीएम के बारे में झूठे दावों के लिए पूर्व पुलिसकर्मी के खिलाफ एक और प्राथमिकी
Modified Date: April 20, 2025 / 05:35 pm IST
Published Date: April 20, 2025 5:35 pm IST

छत्रपति संभाजीनगर, 20 अप्रैल (भाषा) महाराष्ट्र के बीड जिले की पुलिस ने बर्खास्त पुलिस उपनिरीक्षक रंजीत कलसे के खिलाफ महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव और ईवीएम के बारे में कथित तौर पर गलत बयान देने के आरोप में मामला दर्ज किया है। एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।

राज्य सरकार ने हाल ही में कलसे को बर्खास्त कर दिया था।

सरकार ने पहले आरोप लगाया था कि उन्हें बीड के सरपंच की हत्या के मामले में मुख्य संदिग्ध वाल्मीक कराड को मारने के लिए सुपारी की पेशकश की गई थी।

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कासले के खिलाफ नवीनतम प्राथमिकी एक चुनाव अधिकारी की शिकायत पर दर्ज की गई है।

प्राथमिकी के अनुसार, पिछले साल नवंबर में राज्य विधानसभा चुनाव के बाद, बीड की परली विधानसभा सीट पर चुनाव कराने के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम), वीवीपीएटी और नियंत्रण इकाइयों को एक स्ट्रांग रूम में रखा गया था।

प्राथमिकी में कहा गया है कि 18 अप्रैल को चुनाव अधिकारी को एक वीडियो मिला, जिसमें कासले को यह दावा करते हुए देखा गया था कि उन्हें ईवीएम से दूर रहने और मशीनों में छेड़छाड़ होने पर चुप रहने के लिए 10 लाख रुपये का भुगतान किया गया था।

प्राथमिकी में कहा गया है कि वीडियो में कासले ने यह दावा भी किया है कि चुनाव इसी तरह जीते जाते हैं।

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि कानून की जानकारी होने के बावजूद कासले ने ऐसा बयान देकर निर्वाचन आयोग को बदनाम किया।

एक अधिकारी ने बताया कि शिकायत के आधार पर बीड में परली सिटी पुलिस ने शनिवार को कासले के खिलाफ झूठा बयान देने, जानबूझकर कानूनी निर्देशों की अवहेलना करने और भ्रामक जानकारी प्रकाशित करने के आरोप में मामला दर्ज किया।

इससे पहले, शुक्रवार को बीड में शिवाजी नगर पुलिस ने कासले को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत दर्ज एक मामले में गिरफ्तार किया था। उन पर दो अप्रैल को सोशल मीडिया पर कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी पोस्ट करने का आरोप है।

कलसे ने यह सनसनीखेज दावा भी किया था कि उन्हें मासाजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या के मुख्य संदिग्ध वाल्मीक कराड की हत्या के लिए मोटी रकम की पेशकश की गई थी।

बीड जिले के मासाजोग गांव के सरपंच देशमुख को पिछले साल नौ दिसंबर को कथित तौर पर एक ऊर्जा कंपनी से की जा रही जबरन वसूली की कोशिश को रोकने का प्रयास करने पर अगवा कर लिया गया था और फिर हत्या कर दी गई थी।

गिरफ्तारी से बचने के लिए फरार होते समय, कसले ने सोशल मीडिया पर सनसनीखेज दावे करते हुए वीडियो पोस्ट किए, जिन्हें पुलिस अधिकारियों ने बार-बार खारिज किया। बर्खास्तगी से पहले कसले निलंबित थे और उनके खिलाफ प्रारंभिक जांच चल रही थी।

भाषा जोहेब रंजन

रंजन


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