उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री आतिशी की प्रशंसा की, केजरीवाल से ‘हजार गुना बेहतर’ बताया

उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री आतिशी की प्रशंसा की, केजरीवाल से ‘हजार गुना बेहतर’ बताया

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  • Publish Date - November 22, 2024 / 09:38 PM IST,
    Updated On - November 22, 2024 / 09:38 PM IST

नयी दिल्ली, 22 नवंबर (भाषा) दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री आतिशी की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह अपने पूर्ववर्ती अरविंद केजरीवाल से ‘हजार गुना बेहतर’ हैं।

सक्सेना ने इंदिरा गांधी दिल्ली महिला तकनीकी विश्वविद्यालय के सातवें दीक्षांत समारोह में कहा, ‘‘मुझे आज खुशी है कि दिल्ली की मुख्यमंत्री एक महिला हैं और मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि वह अपने पूर्ववर्ती से हजार गुना बेहतर हैं।’’

उपराज्यपाल ने दीक्षांत समारोह में शामिली हुईं आतिशी की ओर देखकर यह टिप्पणी की।

आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच शासन तथा नौकरशाही पर नियंत्रण सहित कई मुद्दों को लेकर टकराव जारी है। भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे केजरीवाल ने सितंबर में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और कहा था कि वह जनता से ‘‘ईमानदारी का प्रमाण पत्र’’ मांगेंगे।

सक्सेना ने अपने संबोधन में छात्राओं से कहा, ‘‘जैसे-जैसे आप आगे बढ़ते हैं, आपके सामने चार मार्गदर्शक बातें होती हैं। पहला है स्वयं के प्रति आपकी जिम्मेदारी, दूसरा है अपने माता-पिता और परिवार के प्रति आपकी जिम्मेदारी, जबकि तीसरा है समाज और राष्ट्र निर्माण के प्रति जिम्मेदारी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘चौथी जिम्मेदारी यह है कि आप स्वयं को एक ऐसी महिला के रूप में साबित करें, जिसने लिंग भेदभाव की दीवार को तोड़ा और सभी क्षेत्रों में दूसरों के बराबर खड़ी हुई।’’

केजरीवाल ने विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री के रूप में आतिशी के नाम का प्रस्ताव रखा था, जिसे सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया था।

आतिशी ने पदभार संभालने के बाद अपने बगल में केजरीवाल के लिए एक खाली कुर्सी रखी थी।

आतिशी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ‘आप’ सरकार के कार्यकाल में शिक्षा क्षेत्र में हुई प्रगति को रेखांकित किया।

उन्होंने कहा, “शिक्षा विकास की कुंजी है। अमेरिका, कनाडा या ब्रिटेन का उदाहरण लें। उन्होंने मुफ्त शिक्षा व स्कूली शिक्षा प्रदान की और यही कारण है कि वे आज विकसित देश हैं।”

आतिशी ने कहा, “दस वर्ष पहले जब हमने यहां सरकार बनाई थी तो हमने यही सपना देखा था। तब से हम अपने बजट का 25 प्रतिशत इस क्षेत्र में सुधार पर खर्च कर रहे हैं।”

भाषा जितेंद्र रंजन

रंजन

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