आदिवासी महिला का शव ले जाने को एंबुलेंस नहीं मिलने के लिए निचले स्तर के अधिकारी जिम्मेदार: माकपा सांसद

आदिवासी महिला का शव ले जाने को एंबुलेंस नहीं मिलने के लिए निचले स्तर के अधिकारी जिम्मेदार: माकपा सांसद

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  • Publish Date - December 17, 2024 / 05:45 PM IST,
    Updated On - December 17, 2024 / 05:45 PM IST

तिरुवनंतपुरम/नयी दिल्ली, 17 दिसंबर (भाषा) मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) सांसद एवं केरल के पूर्व मंत्री के. राधाकृष्णन ने एक आदिवासी महिला के शव को ले जाने के लिए एंबुलेंस की अनुपलब्धता को निचले स्तर के अधिकारियों की विफलता करार दिया और जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।

राधाकृष्णन ने मंगलवार को कहा कि राज्य में ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए ‘‘पर्याप्त सुविधाएं और प्रणालियां मौजूद हैं’’, लेकिन ऐसी घटनाएं तब होती हैं जब अधिकारी कथित तौर पर तत्काल कार्रवाई करने में विफल रहते हैं।

उन्होंने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, ‘‘राज्य सरकार इस मामले में प्रभावी रूप से हस्तक्षेप करेगी। जो लोग अपने कर्तव्यों का पालन करने में विफल रहे हैं, उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।’’

उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री को दोषी नहीं ठहराया जा सकता क्योंकि हर चीज पर नजर रखना असंभव है। राधाकृष्णन एक समय में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्रालय का प्रभार संभाल चुके हैं। उन्होंने कहा, ‘‘कथित विफलता निचले स्तर पर थी, मंत्री की नहीं।’’

यह घटना सोमवार को वायनाड जिले में हुई, जहां कथित तौर पर एंबुलेंस की अनुपलब्धता के कारण 80 वर्षीय आदिवासी महिला के शव को अंतिम संस्कार के लिए एक ऑटोरिक्शा में ले जाया गया।

टेलीविजन चैनलों ने मनंतावडी के एडवाका पंचायत के वेट्टीचाल बस्ती की एक बुजुर्ग महिला चुंडम्मा की तस्वीरें प्रसारित कीं, जिनके शव को एक चादर में लपेटा गया और एक ऑटोरिक्शा में ले जाया गया।

चुंडम्मा की मौत गांव में उनके घर पर हुई और उनके परिवार को शव को अंतिम संस्कार के लिए कई किलोमीटर दूर ले जाने के वास्ते आदिवासी विकास कार्यालय से एंबुलेंस का कथित तौर पर घंटों इंतजार करना पड़ा।

इस घटना की क्षेत्र में व्यापक आलोचना हुई।

भाषा अमित प्रशांत

प्रशांत