लंबे समय तक सहमति से बनाए गए शारीरिक संबंध को रेप नहीं कह सकतेः दिल्ली हाईकोर्ट

लंबे समय तक सहमति से बनाए गए शारीरिक संबंध को रेप नहीं कह सकतेः दिल्ली हाईकोर्ट

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  • Publish Date - December 17, 2020 / 12:02 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:27 PM IST

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने शादी के नाम पर रेप किए जाने को लेकर लगाई गई याचिका पर सुनवाई करते हुए अहम टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा है कि शादी के नाम पर लंबे समय तक बनाया गया शारीरिक संबंध को रेप नहीं कहा जा सकता। ऐसा इसलिए क्योंकि संबंध दोनों की सहमति से स्थापित हुआ है। कोर्ट ने एक महिला की तरफ से दायर किए गए मुकदमे को खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा, ‘शादी के वादे को सेक्स के लिए तैयार करना नहीं कहा जा सकता है।’

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मामले में सुनवाई करते हुए जस्टिस विभू बाखरू ने कहा कि अगर किसी को शादी का झूठा वादा करके एक बार बहकाया जाता है और जिस्मानी संबंध बनाए जाते हैं तो यह अपराध है। लेकिन अगर शादी का वादा करके दोनों पक्षों के बीच सहमति से संबंध बनाया जाता है तो ये रेप के दायरे में नहीं आएगा। शादी का झूठा वादा करके अगर कोई बिना सहमति के जबरदस्ती जिस्मानी रिशेत बानाता है तो आरोपी पर धारा 375 के तहत रेप का केस बनता है।

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दरअसल एक महिला ने कोर्ट में याचिका दायर करते हुए एक शख्स पर आरोप लगाया था कि उसने शादी के नाप पर हवस का शिकार बनाया है। लेकिन ट्रायल कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए आरोपी को बरी कर दिया था। इसके बाद पीड़िता ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जहां कोर्ट ने इसे रेप नहीं माना और ट्रायल कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा।

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