लोकपाल ने जांच और अभियोजन निदेशकों की नियुक्ति के लिए केंद्र को लिखा पत्र | Lokpal writes to Centre for appointment of Directors of Investigation and Prosecution

लोकपाल ने जांच और अभियोजन निदेशकों की नियुक्ति के लिए केंद्र को लिखा पत्र

लोकपाल ने जांच और अभियोजन निदेशकों की नियुक्ति के लिए केंद्र को लिखा पत्र

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:48 PM IST
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Published Date: June 28, 2021 12:41 pm IST

(अश्विनी श्रीवास्तव)

नयी दिल्ली, 28 जून (भाषा) भ्रष्टाचार रोधी निकाय लोकपाल ने भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच और दोषी लोकसेवकों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए दो शीर्ष कर्मियों, जांच और अभियोजन निदेशकों की नियुक्ति के लिए केन्द्र सरकार को पत्र लिखा है। एक सूचना का अधिकार (आरटीआई) के जवाब में यह जानकारी सामने आई है।

लोक पदाधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच करने वाला शीर्ष निकाय लोकपाल मार्च 2019 में अपने अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति के साथ अस्तित्व में आया था।

लोकपाल ने इस पत्रकार द्वारा दायर आरटीआई आवेदन के जवाब में कहा, ‘‘हमने जांच निदेशक और अभियोजन निदेशक की नियुक्ति के लिए भारत सरकार को लिखा है।’’ लोकपाल को जांच निदेशक और अभियोजन निदेशक की नियुक्ति पर विवरण प्रदान करने के लिए कहा गया था।

लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 के अनुसार ‘‘एक जांच निदेशक और एक अभियोजन निदेशक होगा जो कम से कम अतिरिक्त सचिव स्तर के होने चाहिए।

भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ता अजय दुबे ने नियुक्तियों में देरी पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, ‘‘लोकपाल से जुड़े विभिन्न मामलों में हमेशा देरी होती रही है। लोकपाल को इसके अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति के बाद अस्तित्व में आये दो साल से अधिक समय हो गया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह बहुत चिंता का विषय है कि जांच और अभियोजन निदेशकों की नियुक्ति नहीं की गई है। सरकार को इन दो महत्वपूर्ण अधिकारियों की शीघ्र नियुक्ति सुनिश्चित करनी चाहिए ताकि भ्रष्ट लोगों को समय पर दंडित किया जा सके।’’

अधिनियम के अनुसार, लोकपाल, एक अधिसूचना द्वारा दोषी लोक सेवकों के खिलाफ मुकदमा चलाने के उद्देश्य से अभियोजन निदेशक की अध्यक्षता में एक अभियोजन इकाई का गठन करेगा। इसके अनुसार, ‘‘जब तक लोकपाल द्वारा अभियोजन इकाई का गठन नहीं किया जाता, तब तक केंद्र सरकार अपने मंत्रालयों या विभागों से उतनी संख्या में अधिकारी और अन्य कर्मचारी उपलब्ध कराएगी, जितनी लोकपाल द्वारा इस अधिनियम के तहत अभियोजन चलाने के लिए आवश्यक हो।’’

लोकपाल को 2020-21 के दौरान संसद सदस्यों के खिलाफ चार सहित 110 शिकायतें प्राप्त हुईं थी, जो 2019-20 में प्राप्त 1,427 शिकायतों से लगभग 92 प्रतिशत कम हैं।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 23 मार्च, 2019 को न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष को लोकपाल के अध्यक्ष के रूप में पद की शपथ दिलाई थी। लोकपाल के आठ सदस्यों – चार न्यायिक और शेष गैर-न्यायिक को उस वर्ष 27 मार्च को न्यायमूर्ति घोष ने पद की शपथ दिलाई थी।

वर्तमान में लोकपाल में दो न्यायिक सदस्यों के पद रिक्त हैं।

भाषा

देवेंद्र उमा

उमा

 

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