भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए लोकपाल को अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय करना चाहिए : प्रधान न्यायाधीश

भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए लोकपाल को अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय करना चाहिए : प्रधान न्यायाधीश

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  • Publish Date - January 16, 2025 / 11:29 PM IST,
    Updated On - January 16, 2025 / 11:29 PM IST

नयी दिल्ली, 16 जनवरी (भाषा) प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना ने बृहस्पतिवार को कहा कि लोकपाल की स्थापना मात्र से भ्रष्टाचार की समस्या का समाधान नहीं होता। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भ्रष्टाचार रोधी इस संस्था को केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) जैसी एजेंसियों के साथ निर्बाध रूप से समन्वय करना चाहिए।

लोकपाल दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम में न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा कि लोकपाल संवैधानिक ढांचे के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसके पास भ्रष्टाचार का इलाज है।

उन्होंने कहा, “लोकपाल की स्थापना मात्र से भ्रष्टाचार की समस्या का समाधान नहीं होता। लोकपाल को अपनी पूर्ण क्षमता से काम करने के लिए केंद्रीय सतर्कता आयोग सहित अन्य एजेंसियों के साथ निर्बाध रूप से समन्वय करना होगा। जांच के मार्गदर्शन के लिए सहज सहयोग आवश्यक है। लोकपाल की सफलता जनता के भरोसे और भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध नागरिक वर्ग पर निर्भर करेगी।”

न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा कि भ्रष्टाचार सुर्खियां बंटोरने वाले बड़े घोटालों तक सीमित नहीं है, बल्कि सामाजिक और आर्थिक रूप से वंचित तबके के रोजमर्रा के जीवन में भी छिपा हुआ है।

उन्होंने कहा, “लोकपाल के रूप में हमने जो संस्थाएं बनाई हैं, वे बेहद महत्वपूर्ण हैं, लेकिन संविधान की तरह उन्हें भी चलाने के लिए अच्छे लोगों की आवश्यकता है।”

कार्यक्रम में लोकपाल के अध्यक्ष और शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश अजय माणिकराव खानविलकर ने कहा कि प्रक्रियाओं की दक्षता और प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी एवं प्रणालियों को एकीकृत करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा, “हम कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) एप्लीकेशन की व्यवहार्यता तलाशने के लिए भी तैयार हैं। ये एप्लीकेशन अधिक कुशल डेटा प्रबंधन और विश्लेषण की सुविधा प्रदान करेंगे, कदाचार के आरोपों में हमारी जांच में तेजी लाएंगे और उभरती चुनौतियों का जवाब देने की हमारी क्षमता बढ़ाएंगे।”

भाषा पारुल जोहेब

जोहेब