डिब्रूगढ़ (असम), 24 मार्च (भाषा) असम के डिब्रूगढ़ में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान अक्सर एक-दूसरे पर कटाक्ष करते देखे जाने वाले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सर्बानंद सोनोवाल और संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार लुरिनज्योति गोगोई का रविवार को अचानक आमना सामना हो गया और इस दौरान दोनों नेताओं ने एक-दूसरे से हाथ मिलाया, साथ में चाय पी।
खोवांग के हल्दीबाड़ी नगर थान (एक उपासना स्थल) में सोनोवाल और गोगोई लगभग एक ही समय पूजा करने पहुंचे। इस दौरान वहां बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। पूर्वाह्न 11:45 बजे सोनोवाल के वहां जाने के करीब दो मिनट बाद गोगोई वहां पहुंचे और केंद्रीय मंत्री ने उनका अभिवादन किया। एकदूसरे से हाथ मिलाने के बाद दोनों उम्मीदवार फर्श पर एक गद्दे पर बैठे और साथ में काली चाय पी। उन्होंने काफी देर तक बातचीत भी की।
दोनों ने अलग-अलग प्रार्थना की । थान में और गोगोई के साथ लगभग 40 मिनट रहने के बाद, सोनोवाल वहां से चले गए।
भाजपा उम्मीदवार एवं पूर्व मुख्यमंत्री सोनोवाल ने धार्मिक स्थल के बाहर संवाददाताओं से कहा, ‘मुझे हल्दीबाड़ी नगर थान में आना बहुत अच्छा लगा। मैं इस क्षेत्र के लोगों का आभारी हूं जिन्होंने मुझ पर इतना प्यार बरसाया। मैं सिर झुकाता हूं और उनका आशीर्वाद चाहता हूं।’
राज्यसभा सदस्य सोनोवाल ने याद किया कि वह 2001 में पहली बार स्थानीय मोरन विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने थे और लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया।
गोगोई से मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर सोनोवाल ने कहा, ‘यह लोकतंत्र है। हम सभी को लोकतंत्र में मूल्य स्थापित करने होंगे। मैंने उन्हें अपनी शुभकामनाएं दीं।’
असम जातीय परिषद (एजेपी) के अध्यक्ष गोगोई ने वहां कुछ और समय बिताया एवं लोगों से बातचीत की। सोनोवाल के जाने के करीब 20 मिनट बाद वह वहां से गये।
गोगोई ने कहा, ‘हम ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (एएएसयू) में एकसाथ थे और वह हमारे वरिष्ठ थे। अब हमारी विचारधाराएं अलग हैं। वह समुदाय के पक्ष में नहीं हैं और यह सीएए विरोधी आंदोलन के दौरान दिखाई दे रहा था, जबकि मैं समुदाय के साथ खड़ा था।’ इसलिए, लोग आने वाले दिनों में फैसला करेंगे।”
गोगोई ने इस बात पर जोर दिया कि वह अपनी विचारधारा को नहीं छोड़ेंगे और असम की बलि देकर अपने निजी हित कभी पूरा नहीं करेंगे।
उन्होंने कहा, “मैंने पहले भी यह वादा किया था और आज थान के सामने फिर से कह रहा हूं कि मैं अपने रुख से कभी पीछे नहीं हटूंगा। मैं संकट काल के दौरान किसी भी संघर्ष के लिए हमेशा तैयार हूं।’
यह पूछे जाने पर कि उन्होंने साथ बैठकर क्या बात की, गोगोई ने कहा कि उन्होंने सोनोवाल से कहा कि भाजपा उम्मीदवार राज्यसभा में बने रहेंगे, भले ही वह लोकसभा चुनाव हार जाएं।
उन्होंने कहा, ‘‘तो, मैंने उनसे कहा कि मुझे लोकसभा जाना चाहिए क्योंकि समुदाय के संकट में वह चुप रहते हैं। मैंने उनसे कहा कि यदि आप चुप रहने वाले नेता बने रहेंगे, तो यह कोई बड़ी बात नहीं है। मुझे लोकसभा जाने दीजिए और मैं दिखाउंगा कि असम में लड़ने वाले लोग हैं जो शेर की तरह दहाड़ सकते हैं। इसलिए उन्होंने मुझे शुभकामनाएं दीं।”
गोगोई विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की तर्ज पर 16 दलों के साथ राज्य में गठित ‘असम संयुक्त विपक्षी मंच’ (यूओएफए) के उम्मीदवार हैं, और यह उनका पहला लोकसभा चुनाव है।
घटनाक्रम पर टिप्पणी करते हुए, हल्दीबाड़ी नगर थान प्रबंधन समिति के अध्यक्ष हरेश्वर चांगमई ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि इस दिन ऐतिहासिक स्थान पर एक वार्षिक कार्यक्रम होता है, जहां राज्य भर से लोग प्रार्थना करने आते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमने उन दोनों को आमंत्रित किया था। हालांकि, हमें उम्मीद नहीं थी कि वे एक ही समय पर आएंगे। हमने आज जो देखा वह दो भाइयों की तरह उनके बीच बहुत सौहार्दपूर्ण संबंध था। श्रद्धालुओं ने वास्तव में इस भाव की सराहना की।’
उन्होंने कहा, ‘वे एक ही गद्दे पर एकसाथ बैठे और कुछ देर रुके। यह स्वस्थ लोकतंत्र का उदाहरण है।’
डिब्रूगढ़ सीट पर पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान होगा।
भाषा अमित नरेश
नरेश