नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के नतीजों में मोदी की आंधी ने कांग्रेस का 17 राज्यों से सफाया कर दिया। कांग्रेस की 72 हजार पर मोदी भारी पड़ गया। भाजपा ने अकेले 306 सीट हासिल किए साथ ही एनडीए को 352 सीट मिले हैं। वहीं कांग्रेस 86 सीटों में सिमट गई। अन्य के खातों में 104 सीट मिले हैं।
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कांग्रेस की इतनी बड़ी हार के पीछे उसका मुद्दों से भटकना और व्यक्ति विशेष पर टारगेट करना भारी पड़ गया। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में समूची पार्टी ने प्रचार अभियान प्रधानमंत्री मोदी पर केंद्रित रखा और राफेल विमान सौदे में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए ‘चौकीदार चोर है’ का प्रचार अभियान चलाया जिसके जवाब में मोदी और बीजेपी ने ‘मैं भी चौकीदार’ अभियान शुरू किया।
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राहुल गांधी ने राफेल मुद्दे के अलावा ‘न्यूनतम आय गारंटी’ (न्याय) योजना को मास्टरस्ट्रोक के तौर पर पेश किया। पार्टी को उम्मीद थी कि गरीबों को सालाना 72 हजार रुपये देने का उसका वादा भाजपा के राष्ट्रवाद वाले विमर्श की धार को कुंद कर देगा, जबकि हकीकत में ऐसा नहीं हुआ। जानकारों का मानना है कि कांग्रेस के ‘नकारात्मक’ प्रचार अभियान के साथ पार्टी अथवा विपक्षी गठबंधन की तरफ से नेतृत्व का स्पष्ट नहीं होना भी भारी पड़ा। पार्टी के प्रचार अभियान की कमान संभालते हुए राहुल गांधी प्रधानमंत्री पद अथवा विपक्ष की तरफ से नेतृत्व के सवाल को भी प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से टालते रहे। वह बार बार यही कहते रहे कि जनता मालिक है और उसका फैसला स्वीकार किया जाएगा।
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कांग्रेस 2014 के आम चुनाव में 44 सीटों पर सिमट गई थी। यह पार्टी का अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन था। इसके बाद पिछले पांच वर्षों के सफर में कांग्रेस ने कई पराजयों का सामना किया, लेकिन पिछले साल नवंबर-दिसंबर में तीन राज्यों-मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के विधानसभा चुनावों में उसकी जीत ने पार्टी की लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदों को ताकत देने का काम किया।
निर्वाचन आयोग के मुताबिक कांग्रेस आंध्र प्रदेश, हरियाणा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, मणिपुर, नगालैंड, मिजोरम, दिल्ली, ओडिशा, सिक्किम, राजस्थान, चंडीगढ़, दागर एवं नगर हवेली, दमन एवं दीव, लक्षद्वीप में एक भी सीट नहीं जीत पाई है।
उत्तर प्रदेश 80
भाजपा ने आम चुनाव में अपना किला बहुत हद बचा लिया. सपा बसपा गठबंधन का जादू नहीं चला, लेकिन बसपा फायदे में रही। बसपा को 10 व सपा 5 सीटें ही मिलीं।
पश्चिम बंगाल 42
बंगाल में तृणमूल और भाजपा में मुख्य लड़ाई रही। टीएमसी 22 और भाजपा 18 सीटें मिलीं. 2014 में दो सीटों से बढ़ कर भाजपा ने और 16 सीटें जोड़ लीं।
मध्य प्रदेश 29
मध्य प्रदेश में सत्ता गवां चुकी भाजपा ने लोकसभा चुनाव में गजब का प्रदर्शन किया। रुझानों के मुताबिक भाजपा 28 सीटों पर आगे चल रही थी। मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ ने छिंदवाड़ा में कांग्रेस की लाज बचायी।
वहीं कांग्रेस के महासचिव और सीएम की रेस में रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना से पिछड़ गये. भोपाल में दिग्विजय सिंह भाजपा की साध्वी प्रज्ञा ठाकुर से हार गये।
कर्नाटक 28
जनता दल सेक्युलर और कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है. भाजपा ने 2014 की तुलना में नौ सीटों की बढ़त के साथ 26 सीटें जीत लीं। वहीं कांग्रेस को नौ सीटों का नुकसान हुआ. कांग्रेस के दिग्गज मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व पीएम देवगौड़ा सहित कई बड़े नाम चुनाव हार गयेॉ।
कर्नाटक 28
जनता दल सेक्युलर और कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है. भाजपा ने 2014 की तुलना में नौ सीटों की बढ़त के साथ 26 सीटें जीत लीं। वहीं कांग्रेस को नौ सीटों का नुकसान हुआ। कांग्रेस के दिग्गज मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व पीएम देवगौड़ा सहित कई बड़े नाम चुनाव हार गये।
राजस्थान 25
राजस्थान में कांग्रेस की गहलोत सरकार को तगड़ा झटका लगा है। विस चुनाव हार चुकी भाजपा राज्य की सभी 24 सीटों पर शुरू से ही आगे रही.।वसुंधरा के बेटे दुष्यंत सिंह झालावाड़ से जहां बड़े अंतर से जीत गये, वहीं, सीएम के बेटे वैभव जोधपुर से बड़े अंतर से चुनाव हारे।
केरल 20
वाम मोर्चा के गढ़ केरल में कांग्रेस गठबंधन को बड़ी कामयाबी मिली। राहुल जहां काफी बड़े अंतर से वायनाड से जीते, वही उनका गठबंधन 19 सीटों पर आगे चल रहा था। पिछली बार उसे 12 सीटें मिली थीं।
आंध्र प्रदेश 25
आंध्र प्रदेश ने दोनों बड़ी राष्ट्रीय पार्टियों भाजपा और कांग्रेस को नकार दिया है। यहां वाइएसआर के जगन मोहन रेड्डी ने अभूतपूर्व सफलता हासिल करते हुए विस चुनाव के साथ-साथ लोकसभा में बड़ी कामयाब हासिल की। रेड्डी की पार्टी ने 22 सीटें जीत ली हैं. चुनाव से पहले विपक्ष की धुरी बन चुके मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को जनता ने खारिज कर दिया।
उनकी पार्टी तेदेपा 16 से घट कर तीन सीट पर सिमट गयी. वाइएसआर के प्रमुख जगन मोहन रेड्डी के पिता वाइएस राजशेखर रेड्डी आंध्र प्रदेश के 10 साल तक मुख्यमंत्री रहे हैं। उनका इलाके में बहुत जनाधार था।
जम्मू और कश्मीर 6
जम्मू और कश्मीर में इस बार महबूबा का जादू नहीं चला। जम्मू में जहां भाजपा को तीन सीटें मिलीं वहीं कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस को भी तीन सीटों पर कामयाबी मिली। कांग्रेस को 2014 में एक भी सीट नहीं मिली थी।
हरियाणा 10
हरियाणा में भाजपा फायदे में रही. 2014 की तुलना में उसे दो सीटों का लाभ रहा। वहीं कांग्रेस को मात्र एक सीट पर कामयाबी मिली. क्षेत्रीय दलों में इनेलोद का खाता नहीं खुला, पूर्व सीएम भूपिंदर हुड्डा चुनाव हार गये.
असम 14
असम में भाजपा को दो सीटों पर लाभ मिला है. वह सात से नौ सीटों पर पहुंच गयी है. कांग्रेस को तीन सीट और बदरुद्दीन अजमल के एआयूडीएफ को मात्र दो सीटों के नुकसान के बाद एक ही सीट मिल पायी।
हिमाचल 4
हिमाचल में भाजपा ने चारों सीटें जीतीं. भाजपा ने 2014 में भी चारों सीटें जीती थीं। विस चुनाव में हार चुके पूर्व सीएम प्रेम सिंह धूमल के बेटे अनुराग ठाकुर हमीरपुर से चुनाव जीत गये.कांग्रेस अपनी जमीन नहीं बचा पायी।
दिल्ली 07
दिल्ली विस में 67 सीट जीत कर एकतरफा सरकार बनाने वाले आप के केजरीवाल का लोकसभा में जादू नहीं चला. वर्ष 2014 में सारी सीटें जीत चुकी भाजपा ने जीत के लय को बनाये रखा. कांग्रेस को बुरी तरह मुंह की खानी पड़ी.
ओड़िशा 21
भाजपा ने ओड़िशा में नवीन पटनायक को अच्छी टक्कर दी. पार्टी को सात नयी सीटों के साथ कुल नौ सीटें मिली हैं. 2014 में 20 सीटों पर जीत दर्ज करनेवाली बीजद इस बार 12 सीटों पर सिमटती दिख रही है
छत्तीसगढ़ 11
विस चुनाव बुरी तरह से हारने वाली भाजपा ने छत्तीसगढ़ में नौ सीटें जीत ली हैं. राज्य विस में सत्ताधारी दल कांग्रेस को मात्र दो सीटों पर जीत मिली है. भूपेश सरकार विस में जीत का सिलसिला बरकरार नहीं रख पायी।
तेलंगाना 17
तेलंगाना में केसीआर का गढ़ दरक रहा है. विस चुनाव में मात्र एक सीट जीतने वाली भाजपा इस बार चार सीट ले आयी है. कांग्रेस ने भी एक सीट के फायदे के साथ तीन सीट जीत ली है. वहीं केसीआर को नौ सीटें ही मिली है।
बिहार 40
भाजपा, जदयू व लोजपा की जुगलबंदी हिट रही. एनडीए ने 39 सीटों पर रिकॉर्ड जीत दर्ज की. वहीं दूसरी ओर राजद का खाता भी नहीं खुला, कांग्रेस को मात्र एक सीट मिली।
तमिलनाडु 38
तमिलनाडु में डीएमके गठबंधन ने 36 सीटों पर बढ़त बनाये रखा. भाजपा और एआइडीएमके को भारी हार का सामना करना पड़ा है। उन्हें केवल दो सीटों पर जीत मिली।
गुजरात 26
गुजरात में भाजपा ने सभी सीटें जीत कर अपना दबदबा कायम रखा। कांग्रेस को करारी शिकस्त मिली है। गांधीनगर से भाजपा अध्यक्ष शाह बड़े अंतर से चुनाव जीते।