नयी दिल्ली, नौ दिसंबर (भाषा) कांग्रेस और समाजवादी पार्टी समेत कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों ने अदाणी समूह से जुड़े मामले तथा कुछ अन्य मुद्दों को लेकर सोमवार को लोकसभा में हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद अपराह्न दो बजे पुन: शुरू होने के एक मिनट के अंदर अपराह्न तीन बजे तक स्थगित कर दी गई।
सदन की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद अपराह्न दो बजे शुरू हुई तो विपक्षी सदस्य नारेबाजी करने लगे। पीठासीन सभापति संध्या राय ने हंगामे के बीच रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का नाम, पिछले सप्ताह रेल (संशोधन) विधेयक, 2024 पर हुई चर्चा का जवाब देने के लिए पुकारा।
वैष्णव ने जवाब देना शुरू किया लेकिन शोर-शराबा जारी रहा। पीठासीन सभापति ने कार्यवाही एक मिनट के अंदर ही अपराह्न तीन बजे तक स्थगित कर दी।
रेल मंत्री वैष्णव ने गत सप्ताह चार दिसंबर को 1989 के रेलवे अधिनियम के साथ 1905 के भारतीय रेलवे बोर्ड अधिनियम को एकीकृत करने के प्रावधान वाला ‘रेल (संशोधन) विधेयक, 2024’ लोकसभा में पेश किया था। उसी दिन इस विधेयक पर सदन में चर्चा हुई थी।
इससे पहले, आज 11 बजे सदन की कार्यवाही आरंभ होने पर कांग्रेस और कुछ सहयोगी दलों के सदस्यों ने भाजपा के आरोपों से जुड़े विषय तथा कुछ अन्य मामलों को उठाने का प्रयास किया, हालांकि आसन से इसकी अनुमति नहीं मिली।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कांग्रेस सदस्यों से सदन चलने देने की अपील की।
बिरला ने कहा, ‘‘प्रश्नकाल महत्वपूर्ण समय होता है। मेरा आपसे आग्रह है कि प्रश्नकाल चलने दें। प्रश्नकाल में किसी विषय को नहीं उठाया जाता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘देश चाहता है कि सदन चले। आप सदन में गतिरोध पैदा करना चाहते हैं।’’
कांग्रेस सदस्यों का विरोध जारी रहने पर बिरला ने सदन की कार्यवाही, शुरू होने के एक मिनट के भीतर दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी।
दोपहर 12 बजे बैठक फिर शुरू होने पर विपक्षी सदस्य नारेबाजी करने लगे। उन्होंने ‘मोदी सरकार हाय-हाय’ और ‘वी वांट जस्टिस’ के नारे लगाए।
पीठासीन सभापति संध्या राय ने हंगामे के बीच ही आवश्यक कागजात पटल पर रखवाए और फिर शून्यकाल के लिए समाजवादी पार्टी के सदस्य देवेंद्र शाक्य का नाम पुकारा।
हंगामा जारी रहने पर उन्होंने करीब 12 बजकर पांच मिनट पर सदन की बैठक अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
कांग्रेस और उसके सहयोगी दल गत 25 नवंबर को शीतकालीन सत्र आरंभ होने के बाद से अदाणी मामले को लेकर सदन में नारेबाजी कर रहे हैं। वे इस मामले पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के गठन की मांग कर रहे हैं।
मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने अपने शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ भाजपा द्वारा लगाए गए आरोपों को भी सदन में उठाने का प्रयास किया है।
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने गत बृहस्पतिवार को लोकसभा में शून्यकाल के दौरान कांग्रेस समेत विपक्षी दलों पर विदेशी संगठनों और लोगों के माध्यम से देश की संसद, सरकार तथा अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने की कोशिश करने का आरोप लगाया था, जिस पर भारी हंगामा हुआ और सदन की कार्यवाही बाधित हुई थी।
कांग्रेस ने सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद दुबे और भारतीय जनता पार्टी पर तीखा प्रहार करते हुए कहा था कि जब अदाणी समूह के ‘‘भ्रष्टाचार’’ का मुद्दा उठाया जाता है तो ‘‘अदाणी के एजेंट’’ और ‘‘स्लीपर सेल’’ सदन में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी तथा विपक्ष के बारे में अपमानजनक बातें करते हैं।
कांग्रेस नेताओं ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात कर उनसे यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया था कि दुबे अपने शब्द वापस लें और माफी मांगें।
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने बृहस्पतिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया था कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भारत को अस्थिर करने का प्रयास कर रहे खोजी मीडिया समेत अंतरराष्ट्रीय ताकतों के साथ संबंध रखते हैं और वह देशद्रोही हैं।
कांग्रेस सांसद हिबी ईडेन ने पात्रा के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है।
भाजपा ने रविवार को आरोप लगाया था कि कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी का संबंध जॉर्ज सोरोस फाउंडेशन द्वारा वित्तपोषित एक संगठन से है, जिसने कश्मीर के एक स्वतंत्र राष्ट्र के विचार का समर्थन किया है।
भाषा वैभव वैभव मनीषा
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