नई दिल्ली। लोकसभा और राज्यसभा की कार्रवाई सोमवार 1 फरवरी तक स्थगित कर दी गई। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ शुक्रवार को बजट सत्र की शुरुआत हो गई। सत्र की शुरुआत कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत पूरी सुरक्षा व कड़े इंतजामों के साथ की गई। 3 बजे से राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई जिसमें सदन के अध्यक्ष व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने राष्ट्रपति के अभिभाषण के अहम हिस्सों को पढ़ा। राष्ट्रपति ने दोनों सदनों के सदस्यों को संबोधित किया।
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सबसे पहले उन्होंने समय से लॉकडाउन लागू किए जाने को लेकर केंद्र सरकार को बधाई दी और कहा कि इससे कई लाख जिंदगियां बच गई। साथ ही महामारी के कारण हुई मौतों पर दुख जताया और श्रद्द्धांजलि अर्पित की। इस दौरान विपक्ष की ओर से विरोध जताया गया और कृषि कानूनों को रद्द्द करने की मांग के साथ किसानों के समर्थन में खूब नारेबाजी भी हुई।
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राष्ट्रपति के संबोधन के दौरान राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सांसद हनुमान बेनिवाल ने पोस्टर लहराया और नारेबाजी की। वे तीनों कृषि कानूनों को रद्द्द करने की मांग कर रहे थे। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा, ‘कृषि कानूनों को रद्द किया जाना चाहिए। हमने राष्ट्रपति के अभिभाषण का विरोध किया और किसानों के समर्थन में नारे लगाए। हमें सेंट्रल हॉल में प्रवेश की अनुमति नहीं थी।
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किसानों को देशद्रोही कहा गया इसलिए हमने विरोध किया।’ उन्होंने आगे कहा, ‘किसानों को इस ठंड में पानी की बौछार और आंसू गैस के गोले झेलने पड़े। ये तीनों कानून वापस होने चाहिए। इसके लिए आज हम लोगों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का विरोध किया और वहां नारे लगाए। हम लोगों को सेंट्रल हॉल में नहीं घुसने दिया गया।’
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अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने पिछले दिनों सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं व उपलब्धियों का ब्यौरा दिया। सीमा पर चीन के साथ हुए हिंसक झड़प के बारे में बताते हुए राष्ट्रपति ने देश के वीर जवानों की जांबाजी की सराहना की। उन्होंने पिछले साल गलवन घाटी में शहीद जवानों का भी जिक्र किया। संयुक्त राष्ट्र में अस्थायी सदस्यता, ब्रिक्स में अध्यक्ष बनने से लेकर राम मंदिर निर्माण तक में देश की उल्लेखनीय प्रगति का भी राष्ट्रपति ने जिक्र किया।