भाजपा सांसद के आरोपों पर विपक्ष का हंगामा, लोकसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित

भाजपा सांसद के आरोपों पर विपक्ष का हंगामा, लोकसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित

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  • Publish Date - December 5, 2024 / 03:33 PM IST,
    Updated On - December 5, 2024 / 03:33 PM IST

नयी दिल्ली, पांच दिसंबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे ने बृहस्पतिवार को लोकसभा में कांग्रेस समेत विपक्षी दलों पर विदेशी संगठनों और लोगों के माध्यम से देश की संसद, सरकार तथा अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने की कोशिश का आरोप लगाया, जिस पर भारी हंगामा हुआ और सदन की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद अपराह्न करीब तीन बजकर पांच मिनट पर दिनभर के लिए स्थगित करनी पड़ी।

दुबे ने लोकसभा में शून्यकाल में कांग्रेस को घेरने का प्रयास करते हुए नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से पूछने के लिए कुछ सवाल उठाए जिसके बाद विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया और दोनों पक्षों की नोकझोंक के बीच सदन की बैठक दोपहर करीब 12 बजकर 10 मिनट पर अपराह्न दो बजे तक स्थगित कर दी गई।

सदन की कार्यवाही दो बजे फिर से आरंभ होने पर कांग्रेस और उसके कुछ सहयोगी दलों के सदस्यों ने हंगामा जारी रखा। विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए आसन के निकट पहुंच गए। उनकी मांग थी कि लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई को बोलने का मौका दिया जाए।

पीठासीन सभापति जगदम्बिका पाल ने कहा कि रेल संशोधन विधेयक, 2024 पर चर्चा हो चुकी है और विभाग के मंत्री अश्विनी वैष्णव को जवाब देना है, ऐसे में विपक्षी सदस्य सदन चलने दें।

पाल ने कहा, ‘‘कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में तय किया गया था कि चर्चा के लिए रेल विधेयक लेंगे। इस पर हुई चर्चा में सदस्यों ने भागीदारी की। अब माननीय मंत्री का जवाब सुनना है।’’

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा कि सदन में कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों का व्यवहार उचित नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में हम लोगों ने हर विधेयक पर समय तय किया था। अब हंगामा कर रहे हैं…यहां तय किया गया था कि तख्तियां लेकर सदन में नहीं आएंगे, लेकिन कांग्रेस के लोगों ने रंग-बिरंगे कपड़े पहनकर फैशन शो किया है। मैं इसकी निंदा करता हूं।’’

रीजीजू ने कहा, ‘‘इस तरह से हंगाामा करने से कुछ नहीं होगा। हंगामा करने से वोट नहीं मिलता है। चर्चा करने से लोग पसंद करेंगे।’’

उनका इशारा कांग्रेस के कुछ सदस्यों द्वारा काले रंग की जैकेट पहनकर सदन में आने की ओर था जिनके पीछे ‘मोदी अदाणी एक हैं, अदाणी सेफ हैं’ लिखा हुआ था।

हंगामे के बीच ही, पाल ने रेल मंत्री वैष्णव का नाम बुधवार को हुई चर्चा पर जवाब देने के लिए पुकारा।

वैष्णव ने बोलना शुरू किया तो विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी तेज कर दी।

वैष्णव ने कहा, ‘‘संसद की गरिमा को बनाए रखने के लिए भाजपा और राजग प्रतिबद्ध हैं। हम चाहते हैं कि हमेशा सार्थक चर्चा हो।’’

सभापति पाल ने विपक्षी सदस्यों से कहा कि पहले वे आसन के निकट से अपने स्थान पर जाएं, इसके बाद गोगोई को बोलने का मौका मिलेगा।

इस बीच, निशिकांत दुबे ने कहा कि शून्यकाल में उनकी बात पूरी नहीं हो सकी लेकिन उन्हें आसन से आगे बोलने का मौका नहीं मिला।

पाल के बार-बार अपील करने के बावजूद सदन में हंगामा जारी रहा। उन्होंने अपराह्न करीब दो बजकर 10 मिनट पर सदन की कार्यवाही तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

अपराह्न तीन बजे बैठक शुरू हुई तो कांग्रेस समेत विपक्षी सदस्य पहले की तरह हंगामा करने लगे।

पीठासीन सभापति जगदम्बिका पाल ने कहा कि रेल संशोधन विधेयक पर बुधवार को 72 सदस्यों ने चर्चा में भाग लिया और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव जवाब देने आए हैं।

वैष्णव ने एक बार फिर जवाब देना शुरू किया, लेकिन विपक्ष का शोर-शराबा जारी रहा।

सभापति पाल ने विपक्षी सदस्यों से कहा, ‘‘आप रेल संशोधन विधेयक पर चर्चा का जवाब नहीं सुनना चाहते। पूरा देश सुनना चाहता है।’’

हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने अपराह्न करीब 3.05 बजे सदन की कार्यवाही शुक्रवार पूर्वाह्न 11 बजे तक स्थगित कर दी।

इससे पहले, शून्यकाल में दुबे ने कहा, ‘‘विपक्षी दल सरकार को अस्थिर करने के लिए तरह-तरह के मंसूबे पालते रहते हैं। मैं पूरे देश को बताना चाहता हूं कि विदेशी फंडिंग के माध्यम से (प्रधानमंत्री नरेन्द्र) मोदी जी और उनकी सरकार के खिलाफ किस तरह काम होता है।’’

उन्होंने फ्रांस की एक रिपोर्ट के हवाले से दावा किया कि अमेरिका की सरकार और वहां के एक कारोबारी द्वारा संचालित फाउंडेशन की मदद से काम करने वाले एक विदेशी संस्थान का मकसद भारत की संसद को बंधक बनाना और उसकी कार्यवाही को ठप करना है।

दुबे ने अमेरिका के एक कारोबारी को इसके लिए जिम्मेदार ठहराते हुए आरोप लगाया कि वह पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को पटरी से उतारना चाहता है।

उन्होंने कहा कि जैसे ही उक्त संस्थान कोई रिपोर्ट जारी करता है तो नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस सदस्य प्रियंका गांधी और विपक्षी दलों के कुछ राज्यसभा सदस्य तुरंत उसे ट्वीट (सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर) करते हैं।

दुबे ने पेगासस रिपोर्ट, हिंडनबर्ग और कुछ अन्य मामलों का जिक्र करते हुए कहा कि जब भी ये मामले सामने आए, विपक्षी सदस्यों ने ‘एक्स’ पर तुरंत पोस्ट किया और संसद की कार्यवाही नहीं चलने दी गई।

उन्होंने कहा, ‘‘नेता प्रतिपक्ष (राहुल गांधी) से मेरे दस सवाल हैं।’’

दुबे ने उक्त विदेशी कारोबारी के एक एनजीओ से जुड़े व्यक्ति के राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने का जिक्र करते हुए पूछा कि नेता प्रतिपक्ष के उनसे क्या संबंध हैं?

भाजपा सांसद ने कुछ अन्य विदेशी लोगों के नाम लेकर पूछा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता के इन लोगों से क्या संबंध हैं जो अमेरिका में प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम का विरोध करते हैं।

दुबे के इन बयानों के बीच कांग्रेस सदस्य हंगामा करने लगे। वे भाजपा सांसद के बयानों पर आपत्ति जता रहे थे।

इससे पहले जब कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई संभल हिंसा के मुद्दे पर अपनी बात रखना चाह रहे थे तो अध्यक्ष ओम बिरला ने उन्हें दुबे के बाद बोलने की अनुमति देने का आश्वासन दिया।

दुबे कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लिए अपने दस सवाल पूछ रहे थे, लेकिन वह अपनी बात पूरी नहीं कर सके और बिरला ने कांग्रेस सदस्य गोगोई को शून्यकाल में अपना मुद्दा उठाने को कहा।

कांग्रेस सदस्यों के शोर-शराबे के बीच गोगोई ने आरोप लगाया कि भाजपा नहीं चाहती कि सदन की कार्यवाही चले।

उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी जी देश में अमन चाहते हैं।’’

भाषा वैभव हक

वैभव नरेश

नरेश