Lockdown imposed : नई दिल्ली। बीते सालों से दुनियाभर में भीषण तबाही मचाने के बाद भी कोरोना लोगों का पीछा छोड़ने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले 2 सालों में कोरोना की वजह से बहुत सारे लोगों ने अपनी जान गंवा दी। इसके बाद अब एक बार फिर कोरोना ने लोगों के मन में डर फैला दिया है। अब तक कोरोना के कई सारे वरियंट्स सामने आये। इसके साथ ही कोरोना की तीन लहरों ने दुनियाभर में भयानक मंजर दिखाया जिसके बाद अब कोरोना की चौथी लहर का डर लोगों के दिलों में घर करने लगा है।
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दरअसल, बार-बार कई रिपोर्ट में कोरोना के वेरिएंट और सब वेरिएंट को लेकर कई दावे किये जा चुके हैं। मौजूदा स्थिति में ओमिक्रॉन का सब-वेरिएंट पूरी दुनिया में तेजी से फैल रहा है। इस बीच वाशिंगटन विश्वविद्यालय ने एक विश्लेषण में कहा कि COVID-19 संक्रमण का दैनिक आंकड़ा फरवरी तक धीरे-धीरे बढ़कर लगभग 18.7 मिलियन होने का अनुमान है। जो वर्तमान में 16.7 मिलियन पर है। इस रिपोर्ट के आने के बाद आशंका जताई जा रही है कि पूरी दुनिया में कोरोना के मामले एक बार फिर बढ़ सकते हैं। इससे लोगों के मन में एक बार फिर लॉकडाउन का डर सता रहा है।
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एक मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कोरोना की चौथी लहर सर्दियों में तेजी से पैर पसार सकती है। हालांकि रिपोर्ट के अनुसार पहले की सर्दियों के मुकाबले यह नया अनुमानित औसत कम है। 2022 के जनवरी में ओमिक्रॉन वेरिएंट के तेजी से फैलने के बाद स्थिति बिगड़ गई थी लेकिन यह घातक साबित नहीं हुई थी। इस बीच राहत की बात ये है कि इस रिपोर्ट के साथ ही वाशिंगटन विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन (IHME) ने यह भी कहा कि मामलों में वृद्धि से मौतों में वृद्धि की उम्मीद नहीं है।
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बता दें कि इस रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है कि आने वाले फरवरी माह में वैश्विक दैनिक मृत्यु औसतन 2,748 होगी। वर्तमान में यह लगभग 1,660 है। IHME का अनुमान है कि अमेरिका में दैनिक संक्रमण एक तिहाई से बढ़कर एक मिलियन से अधिक हो जाएगा। बताया जा रहा है कि जर्मनी में कोरोना के मामलों में पहले ही वृद्धि देखने को मिल रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि इससे जुड़ी एक रिपोर्ट जो 24 अक्टूबर को सामने आई थी। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि जर्मनी में हाल ही में COVID वृद्धि Omicron सब-वेरिएंट BQ.1 या BQ.1.1 के कारण हो सकती है। साथ ही आने वाले हफ्तों में ये यूरोप के अन्य हिस्सों में देखी जा सकती है। बता दें जर्मनी में 2020 के बाद से अस्पतालों में मरीजों के भर्ती होने की संख्या ज्यादा देखी जा रही है, जो कि चिंता का विषय है।
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देश-दुनिया में अगर कोरोना के मामले इसी तरह लगातार बढ़ते रहे तो जल्द की कोई सख्त कदम उठाना पड़ेगा। हाल ही में चीन में कोरोना के मामले बढ़ने के कारण कई शहरों में लॉकडाउन का आदेश जारी कर दिया गया है। जिसके बाद अब अन्य देशों में भी कोरोना के मामलों में तेजी देखी जा रही है। जो की काफी चिंता का विषय है।