चंडीगढ़, 14 दिसंबर (भाषा) पंजाब के किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने शनिवार को कहा कि सरकार की कथित गलत नीतियों के कारण आत्महत्या कर रहे किसानों की जान उनके जीवन से अधिक मूल्यवान है।
डल्लेवाल का आमरण अनशन 19वें दिन भी जारी रहा।
उच्चतम न्यायालय ने केंद्र और पंजाब सरकार के प्रतिनिधियों को शुक्रवार को निर्देश दिया था कि वे तुरंत उनसे मिलें, उन्हें चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराएं और उन्हें अनिश्चितकालीन अनशन तोड़ने के लिए राजी करें क्योंकि उनका जीवन अनमोल है।
डल्लेवाल 26 नवंबर से पंजाब और हरियाणा के बीच खनौरी बॉर्डर पर अनशन पर बैठे हुए हैं ताकि केंद्र पर फसलों के एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की कानूनी गारंटी सहित आंदोलनकारी किसानों की मांगों को स्वीकार करने के लिए दबाव बनाया जा सके।
सुरक्षा बलों द्वारा किसानों के दिल्ली कूच को रोके जाने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) के बैनर तले किसान 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं।
चिकित्सकों ने पहले ही डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती करने की सिफारिश की है और कहा है कि लंबे समय तक अनशन के कारण वह कमजोर हो गए हैं।
खनौरी में मीडिया को अपने संक्षिप्त संबोधन के दौरान डल्लेवाल ने उनके स्वास्थ्य पर चिंता व्यक्त करने के लिए उच्चतम न्यायालय को धन्यवाद दिया।
डल्लेवाल ने कहा, ‘‘माननीय उच्चतम न्यायालय का कहना है कि मेरी जान आंदोलन से ज्यादा मूल्यवान है। लेकिन मेरा मानना है कि उन किसानों की जान मेरे जीवन से ज्यादा मूल्यवान है, जो सरकार की गलत नीतियों के कारण आत्महत्या कर रहे हैं।’’
भारतीय किसान यूनियन (एकता सिद्धूपुर) के अध्यक्ष डल्लेवाल ने दावा किया कि अब तक देश में सात लाख किसान आत्महत्या कर चुके हैं।
उन्होंने कहा कि किसानों की आत्महत्याएं तभी रुक सकती हैं जब केंद्र सरकार एमएसपी की कानूनी गारंटी सुनिश्चित करे, जिसे स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट की सिफारिशों के अनुसार तय किया जाना चाहिए और साथ ही कृषि ऋण माफी भी होनी चाहिए।
डल्लेवाल ने कहा कि वह कृषक समुदाय को उनके अधिकार दिलाने के लिए अपना जीवन बलिदान करने के लिए तैयार हैं।
उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय को केंद्र सरकार को किसानों की मांगों को जल्द से जल्द पूरा करने का आदेश जारी करना चाहिए।
इस बीच, कांग्रेस नेता बजरंग पूनिया शंभू बॉर्डर गये और किसानों को दिल्ली की ओर मार्च करने की अनुमति नहीं दिए जाने को लेकर निराशा व्यक्त की।
हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हुए पहलवान पूनिया ने हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों द्वारा प्रदर्शनकारी किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़ने और पानी की बौछार करने की भी आलोचना की।
उन्होंने राजपुरा के सिविल अस्पताल जाकर घायल किसानों का हालचाल भी पूछा।
पूनिया ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘पूरे देश का पेट भरने वाले किसानों पर आज अत्याचार हो रहे हैं। क्या यही है सरकार का ‘किसान सम्मान’? जब अपने हक के लिए आवाज उठाना ही गुनाह हो जाए तो फिर लोकतंत्र का क्या मतलब है?’’
भाषा
देवेंद्र सुभाष
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