नई दिल्ली : List of cyclonic storms in India चक्रवात ‘बिपरजॉय’ 145 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गुजरात के तट की ओर बढ़ रहा है और इसके कच्छ जिले में स्थित जखौ बंदरगाह के पास टकराने के आसार हैं। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने चक्रवात की वजह से व्यापक क्षति की चेतावनी जारी की है जबकि प्रशासन संवेदनशील इलाकों में रहने वाले तकरीबन 74 हजार लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा चुका है।
List of cyclonic storms in India भारत का कुल तटीय क्षेत्र 7516 किलोमीटर लंबा है। भारत दुनिया के लगभग आठ प्रतिशत उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के प्रति संवेदनशील है। नौ तटीय राज्यों और कुछ केंद्रशासित प्रदेशों के करीब 32 करोड़ लोग चक्रवातों के प्रभाव के प्रति संवेदनशील हैं। पूर्व तट पर तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल हैं जबकि पश्चिमी तट पर केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गोवा और गुजरात हैं।
ज्यादातर चक्रवातों की उत्पत्ति बंगाल की खाड़ी में होती है और वे भारत के पूर्वी तट को प्रभावित करते हैं। लेकिन हाल के शोध में सामने आया है कि बीते कुछ दशकों में अरब सागर में चक्रवातों की संख्या, अवधि और तीव्रता में खासी बढ़ोतरी हुई है।सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, हर साल पांच-छह उष्णकटिबंधीय चक्रवात बनते हैं जिनमें से दो-तीन ही गंभीर हो सकते हैं।पिछले 10 सालों में कई घातक चक्रवातों ने भारत के विभिन्न हिस्सों को प्रभावित किया। इन पर एक नजर..
ताउते (2021): बेहद गंभीर चक्रवात ‘ताउते’ 17 मई 2021 को दक्षिणी गुजरात के तट से टकराया था और उस समय भारत कोविड-19 की दूसरी लहर की प्रचंडता से जूझ रहा था। अमेरिकी ‘ज्वाइंट टाइफून वार्निंग सेंटर’ के मुताबिक, इसके तहत 185 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं और यह कम से कम दो दशकों में भारत के पश्चिमी तट को प्रभावित करने वाला ‘सबसे ताकतवर उष्णकटिबंधीय चक्रवात’ था। चक्रवात के कारण 100 से अधिक लोगों की जान गई, जिनमें से अधिकांश लोगों की मौत गुजरात में हुई। इसके अलावा केरल, कर्नाटक, गोवा और महाराष्ट्र में विनाश हुआ।
चक्रवात अम्फान (2020): 1999 के ओडिशा के सुपर चक्रवात के बाद अम्फान बंगाल की खाड़ी में आया पहला सुपर चक्रवात था जो 20 मई 2020 को पश्चिम बंगाल में सुंदरबन के पास टकराया था। विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) के मुताबिक, अम्फान उत्तर हिंद महासागर में रिकॉर्ड किया गया सबसे ज्यादा आर्थिक नुकसान पहुंचाने वाला उष्णकटिबंधीय चक्रवात था। भारत और बांग्लादेश में करीब 14 अरब अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ था और 129 लोगों की जान गई थी।
फेनी: यह तीन मई 2019 को ओडिशा में पुरी के पास 175 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से भारत के पूर्वी तट से टकराया था। बेहद गंभीर चक्रवात की वजह से 64 लोगों की मौत हुई थी और घरों, बिजली के तारों, फसलों, संचार नेटवर्क तथा जल आपूर्ति प्रणाली समेत अन्य अवसंरचना को भारी नुकसान पहुंचा था।
वरदा (2016): वरदा 12 दिसंबर 2016 को चेन्नई के नज़दीक तट से टकराया था। यह बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान था। इसके कारण तमिलनाडु में 18 लोगों की जान गई थी और चेन्नई तथा आसपास के इलाकों में अवसंचरना को नुकसान हुआ था, पेड़ गिर पड़े थे और बिजली आपूर्ति बाधित हुई थी।
हुदहुद (2014): यह आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तटीय क्षेत्रों से 12 अक्टूबर 2014 को टकराया था। चक्रवात की वजह से करीब 124 लोगों की मौत हुई थी और इमारतों, सड़कों और विद्युत ग्रिड समेत अवसंरचना को भारी क्षति पहुंची थी। भारी वर्षा, तेज हवाओं, तूफानी लहरों और बाढ़ के कारण विशाखापत्तनम और आस-पास के क्षेत्र काफी प्रभावित हुए थे।
फैलिन (2013): 12 अक्टूबर 2013 को फैलिन ओडिशा के गंजम जिले के गोपालपुर के पास तट से लगभग 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से टकराया। इसने राज्य के 18 जिलों के 171 ब्लॉक में लगभग 1.32 करोड़ लोग प्रभावित हुए है और 44 लोगों की मौत हुई।