Revolt in Rajasthan politics : जयपुर – राजस्थान की राजनीतिक सियासत में उथल-पुथल शुरू हो गई है। रविवार की शाम गहलोत ने विधायकों की बैठक ली जिसके बाद से ही देखा जा रहा है कि एक बार फिर से सचिन पायलट नाराज देखे जा रहे है। इतना ही नहीं गहलोत के वफादार माने जाने वाले विधायक अपने इस्तीफे सौंपने के लिए रविवार रात विधानसभा सीपी जोशाी के निवास पर पहुंच गए। वहीं अभी तक यह तय नहीं हुआ है कि राजस्थान की कमान किसके हाथ में होगी।>>*IBC24 News Channel के WHATSAPP ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां CLICK करें*<<
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Revolt in Rajasthan politics : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव की ओर फोकस कर रहे है। वहीं अगर देखा जाए तो प्रदेश की कमान सौंपने के लिए सचिन पहला चेहरा माने जा रहे हैं। लेकिन अशोक गहलोत के स्वभाव से ऐसा प्रतीत होता है कि वह सचिन को किनारे कर रहे है। ऐसे में सचिन पायलट भी अपना पूरा जोर लगा रहे है। लेकिन देखना यह होगा कि कांग्रेस किस पर अपना दांव लगाएगी। वहीं पायलट के पक्ष में सहमति नहीं बन पा रही है।
Revolt in Rajasthan politics : वहीं अगर सचिन पायलट को राजस्थान का मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया है तो पायलट सिंधिया जैसा दांव खेल सकते है ऐसी संभावना नजर आ रही हैं। वहीं कुछ महीने पहले भी गहलोत-सचिन में तकरार देखी गई थी जिसके बाद राहुल गांधी ने दोनों में सामांजस्य बैठाने का काम किया था। अगर पायलट सिंधिया जैसा कारनामा करेंगे तो कांग्रेस पूरी तरह टूट जाएगी। लेकिन अगर एक बात और सामने आती है कि अगर पायलट बीजेपी ज्वाइन करते है तो उनको कौन सा पद दिया जाएगा।
Revolt in Rajasthan politics : अगर राजस्थान में समीकरण की बात करें तो प्रदेश में कुल 200 सीट है जिसमें से कांग्रेस के पास 108 बीजेपी के पास 70 तो वहीं निर्दलिय 13 और अन्य 8 सीट है। वहीं कांग्रेस के 108 विधायकों में से 82 गहलोत के समर्थक और 26 पायलट के विधायक समर्थक है। ऐसे में अगर पायलट बीजेपी से साथ रिश्ता जोडते है तो बीजेपी के पास कुल 98 विधायक होंगे और निर्दलीय विधायक भी भाजपा के साथ जा सकते है। अगर ऐसा होता है कि सचिन पायलट भाजपा में जाते है तो राजस्थान में भाजपा की सरकार बनना तय है। लेकिन यह अभी सिर्फ संभावना बताई जा रही है।
Revolt in Rajasthan politics : जिस प्रकार महाराष्ट्र में उद्धव का खेल खुद उन्हीं की पार्टी से बिगाडा था ठीक उसी प्रकार राजस्थान में भी हो सकता है। सचिन पायलट अशोक गहलोत के विरोधी बन सकते है। ऐसे संकेत मिल रहे है कि अगर कांग्रेस ने इस बार पायलट को दरकिनार करने की कोशिश की तो महाराष्ट्र जैसा सियासी खेल राजस्थान में होने की पूरी संभावना है।