संभल में धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है जनजीवन : इंटरनेट पर पाबंदी जारी

संभल में धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है जनजीवन : इंटरनेट पर पाबंदी जारी

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  • Publish Date - November 26, 2024 / 11:07 PM IST,
    Updated On - November 26, 2024 / 11:07 PM IST

(तस्वीरों के साथ)

संभल (उप्र), 26 नवंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के संभल में मुगलकालीन जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान भड़की हिंसा के दो दिन बाद मंगलवार को जनजीवन धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है। स्कूल फिर से खुल गए हैं और रोजमर्रा की जरूरत की चीजें बेचने वाली कई दुकानें फिर से खुल गई हैं।

हालांकि, संभल तहसील में इंटरनेट सेवाएं बंद हैं।

जिला सूचना अधिकारी बृजेश कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि जिलाधिकारी के निर्देशानुसार संभल तहसील में बुधवार शाम चार बजे तक इंटरनेट सेवाएं बंद रहेंगी।

संभल नगर में हालात तेजी से सामान्य हो रहे हैं। इस बीच, हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के सदस्यों ने एकता का आह्वान किया है और सांप्रदायिक सद्भाव के पुनर्निर्माण का संकल्प लिया है।

सोमवार को संभल में बाजार बंद थे लेकिन कई इलाकों में दुकानें खुली देखी गईं। आज सुबह भी स्थिति सामान्य नजर आई। आज स्कूल भी खुले हैं और सुबह सुबह रोजमर्रा की जरूरतों की दुकान खुली नजर आईं, लेकिन जिले में इंटरनेट सेवा आज भी बंद है जिसकी वजह से लोगों को काफी परेशानी महसूस हो रही है।

हिंसा के बाद उपजे हालात को देखते हुए पुलिस और प्रशासन के अधिकारी स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं। प्रमुख चौराहों पर कर्मियों को तैनात किया गया है और संवेदनशील इलाकों में रैपिड एक्शन फोर्स (आएएफ) के कर्मी तैनात हैं।

प्रशासन ने 30 नवंबर तक बाहरी लोगों और जनप्रतिनिधियों के संभल में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है।

जिले के अधिकांश हिस्सों में मंगलवार को स्थिति शांत दिखाई दी, लेकिन शहर के कोट पूर्वी मोहल्ले में शाही जामा मस्जिद के आसपास का इलाका सुनसान रहा।

संभल में रविवार को जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गई थी। इस घटना में चार लोगों की मौत हो गयी और करीब 25 अन्य लोग घायल हो गए। पुलिस ने इस संबंध में सोमवार को 25 लोगों को गिरफ्तार किया था।

मुरादाबाद मंडल के आयुक्त आंजनेय कुमार सिंह ने मंगलवार को कहा, ‘संभल में स्थिति सामान्य है और दुकानें खुली हैं। जिस इलाके में हिंसा भड़की थी, वहां कुछ दुकानें बंद हैं, लेकिन बाकी जगहों पर दुकानें खुली हैं और कहीं कोई तनाव नहीं है।”

सिंह ने कहा, ”सुरक्षा बल तैनात हैं और स्थिति नियंत्रण में है, रोजमर्रा की दिनचर्या सामान्य स्थिति की ओर बढ़ रही है।’

उन्होंने कहा, ‘क्षेत्रीय सांसद और स्थानीय विधायक के बेटे पर भी भीड़ को भड़काने का मामला दर्ज किया गया है। आगे की जांच जारी है। सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है।’

पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) मुनिराज जी ने कहा कि पुलिस अपनी ड्यूटी पर है और मंगलवार को संभल में कहीं से भी कोई अप्रिय खबर नहीं आई।

उन्होंने कहा, ‘सामान्य स्थिति बहाल हो रही है, दुकानें खुल रही हैं, कोई समस्या नहीं है।’

शांति कमेटी के सदस्य और अखिल भारतीय व्यापार मंडल के नेता हाजी एहतेशाम ने कहा कि यह सब बाहर के लोगों द्वारा किया गया है और जो भी हुआ बहुत गलत हुआ है।

एहतेशाम ने कहा ”हम सब इन सब बातों को भूलकर एक बार फिर शांति की राह पर लौटेंगे।”

वहीं, सरस्वती शिशु मंदिर के प्रधानाचार्य शिव शंकर शर्मा ने कहा, ”इस तरह की घटना से माहौल खराब होता है। संभल में सभी लोग आपस में मेल जोल करके फिर सांप्रदायिक सौहार्द बनाएंगे।”

व्यापारी दीपक कुमार ने कहा कि यहां तो शुरू से अमन चैन रहा है, पता नहीं उस दिन ऐसा क्या हुआ जो इतना बड़ा बवाल हुआ। इन सबसे आर्थिक नुकसान भी होता है।

कुमार ने कहा, ”अब स्थिति सामान्य है, मैंने दुकान भी खोली है और जल्द ही फिर संभल पहले जैसा हो जाएगा। मेरे भी कई दोस्त मुस्लिम समुदाय से हैं और भाईचार को आगे बढायेंगे।”

भाजपा की वार्ड 18 की सभासद चंचल वर्मा ने कहा कि इस झगड़े से गरीब तबके का बहुत नुकसान हुआ है, लेकिन एक बार फिर हम सब संभल को और आगे बढ़ाएंगे। हिन्दू मुस्लिम एकता फिर एक मिसाल बनेगी।

अधिकारियों के मुताबिक, हिंसा के मामले में पुलिस ने अब तक कुल सात मुकदमे दर्ज कर 25 लोगों को गिरफ्तार किया है। संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद जिया-उर-रहमान बर्क और पार्टी के स्थानीय विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहेल इकबाल और 2,750 अज्ञात व्यक्तियों को आरोपी बनाया गया है।

इस बीच, सोहेल इकबाल ने कहा कि वह हिंसा स्थल पर मौजूद नहीं थे और उन्होंने अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों का खंडन किया।

इकबाल ने ‘पीटीआई-वीडियो’ से कहा, ‘मैंने कभी भी ऐसा कुछ नहीं किया जिससे संभल में शांति भंग हो। हम प्यार फैलाने और लोगों की सेवा करने में विश्वास करते हैं। जो हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण है, ऐसा नहीं होना चाहिए था। मेरा नाम इसमें शामिल किया गया है, जबकि मेरा इससे कोई लेना-देना नहीं है और न ही मैंने कोई नफरत भरा भाषण दिया है।’

भाषा सं आनन्द सलीम नोमान

नोमान