नयी दिल्ली, 23 जनवरी (भाषा) दिल्ली विधानसभा चुनाव में तीन प्रमुख दलों, आम आदमी पार्टी (आप), भाजपा और कांग्रेस ने दुश्मन से दोस्त बने करीब 20 लोगों को टिकट दिया है, लेकिन इन उम्मीदवारों की जीत की राह आसान नहीं होगी।
दल-बदल के बाद, ये उम्मीदवार अब अपनी नयी पार्टी में खुद को साबित करने की कोशिश कर रहे हैं। उनके समक्ष कई चुनौतियां पेश आ रही हैं। उन्हें टिकट देने वाली पार्टियों के कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच बेचैनी देखने को मिल रही है।
चुनाव नजदीक आते ही आप, कांग्रेस और भाजपा के कई प्रमुख नेताओं ने अपना पाला बदल लिया।
विधानसभा चुनाव के लिए टिकट मिलने को लेकर अनिश्चितता के बीच, लगभग आधा दर्जन भाजपा नेता आप में शामिल हो गए, जिसने (आप) तुरंत उन्हें विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों से मैदान में उतारा। इन नेताओं ने 2020 में भाजपा उम्मीदवार के रूप में विधानसभा चुनाव लड़ा था।
उनमें से एक हैं प्रवेश रतन, जिन्हें आप ने पूर्व मंत्री और भाजपा उम्मीदवार राज कुमार आनंद के खिलाफ पटेल नगर (आरक्षित) सीट से मैदान में उतारा है।
वर्ष 2020 में भी, वे दोनों प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार थे, लेकिन अलग-अलग पार्टियों से – आप से आनंद और भाजपा से रतन।
जितेंद्र सिंह शंटी और सुरिंदर पाल बिट्टू आप में शामिल हो गए और उन्हें क्रमशः शाहदरा और तिमारपुर निर्वाचन क्षेत्रों से टिकट मिला।
तीन अन्य भाजपा नेता – ब्रह्म सिंह तंवर, बी. बी. त्यागी और अनिल झा – आप में शामिल हो गए और विधानसभा चुनाव के लिए टिकट हासिल किया।
त्यागी लक्ष्मी नगर से, झा किरारी से और तंवर छतरपुर से चुनाव लड़ रहे हैं।
वर्ष 2020 के चुनाव में ब्रह्म सिंह तंवर को हराने वाले करतार सिंह तंवर अब छतरपुर से भाजपा के उम्मीदवार हैं।
आप ने पार्टी के निवर्तमान विधायक ऋतुराज झा का टिकट काटकर किरारी सीट से झा को मैदान में उतारा है। अनिल को 2020 में ऋतुराज ने बहुत कम मतों के अंतर से हराया था।
अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी ने पूर्व में कांग्रेस में रहे नेताओं को भी मैदान में उतारा है, ये हाल के महीनों में आप में शामिल हुए थे।
इन नेताओं के आप में शामिल होने के कुछ ही दिनों बाद पार्टी ने सीमापुरी से वीर सिंह धींगान, मटियाला से सुमेश शौकीन और सीलमपुर से जुबैर अहमद को चुनाव मैदान में उतारा।
भाजपा में शामिल हुए प्रमुख नेताओं में कांग्रेस की दिल्ली इकाई के पूर्व अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली और दिल्ली के पूर्व परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत शामिल हैं।
लवली, गांधी नगर सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं जबकि गहलोत बिजवासन निर्वाचन क्षेत्र से पार्टी के उम्मीदवार हैं।
भाजपा ने मंगोलपुरी से राजकुमार चौहान, कस्तूरबा नगर से पूर्व विधायक नीरज बसोया और जंगपुरा से तरविंदर मारवाह सहित कांग्रेस के पूर्व नेताओं को भी टिकट दिया है।
जहां तक कांग्रेस की बात है, वह आप के निवर्तमान विधायकों — धर्मपाल लाकड़ा (मुंडका) और अब्दुल रहमान (सीलमपुर) को अपने पाले में करने में कामयाब रही और पार्टी में शामिल होते ही उन्हें टिकट दे दिया।
इस महीने की शुरुआत में कांग्रेस में शामिल हुए लाकड़ा अब मुंडका से पार्टी के उम्मीदवार हैं।
लाकड़ा के साथ कांग्रेस में शामिल हुए आप पार्षद राजेश गुप्ता अब किरारी से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं।
रहमान पिछले साल दिसंबर में कांग्रेस में शामिल हुए थे और उन्हें सीलमपुर से टिकट दिया गया है।
इसके अलावा, हाल के महीनों में कांग्रेस में शामिल होने के बाद, आप के पूर्व विधायकों — देवेंद्र सहरावत और हाजी इशराक को क्रमशः बिजवासन और बाबरपुर सीट से टिकट मिला।
दिल्ली में सत्तारूढ़ आप, विपक्षी भाजपा और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना है।
दिल्ली विधानसभा के लिए चुनाव पांच फरवरी को होना है और मतगणना आठ फरवरी को होगी।
भाषा सुभाष शोभना
शोभना