वकील राष्ट्रीय सीमाओं से परे भी शांति के संरक्षक हैं: अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी

वकील राष्ट्रीय सीमाओं से परे भी शांति के संरक्षक हैं: अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी

वकील राष्ट्रीय सीमाओं से परे भी शांति के संरक्षक हैं: अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी
Modified Date: April 26, 2025 / 10:23 pm IST
Published Date: April 26, 2025 10:23 pm IST

नयी दिल्ली, 26 अप्रैल (भाषा) महान्यायवादी (अटॉर्नी जनरल) आर. वेंकटरमणी ने शनिवार को कहा कि वकील देश-विदेश में शांति के संरक्षक हैं।

उन्होंने विश्व में शांति सुनिश्चित करने के वास्ते ‘लॉयर्स फॉर पीस’ (शांति के लिए वकील) पहल का सुझाव दिया।

वह जम्मू कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकवादी हमले की निंदा करने के लिए ‘सोसायटी ऑफ इंडियन लॉ फर्म्स’ (एसआईएलएफ) द्वारा बुलाई गई एक बैठक को डिजिटल माध्यम से संबोधित कर रहे थे।

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वेंकटरमणी ने कहा, ‘‘जैसा कि हम सभी एक शांतिपूर्ण विश्व के लिए शपथ लेते हैं, ऐसे में आतंकी हरकतों में शामिल कोई भी व्यक्ति आस्था या धर्म के आधार पर अपने कृत्यों को उचित नहीं ठहरा सकता। जरूरी है कि मानवता बिना शर्त यह घोषित करे कि इस तरह के औचित्य को कभी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। साथ ही, आतंकवाद को हमेशा के लिए समाप्त किया जाना चाहिए ताकि लोग शांति, मित्रता, प्रेम और करुणा के साथ रह सकें।’’

महान्यायवादी ने कहा, ‘‘पूरी दुनिया को इसे हासिल करने के लिए एकजुट होना चाहिए। सभी जगहों के लोगों को साथ आना चाहिए। वकील देश-विदेश में शांति के संरक्षक हैं। एसआईएलएफ वैश्विक स्तर पर ‘लॉयर्स फॉर पीस’ पहल में अग्रणी भूमिका निभा सकता है, जो एक बहुत आवश्यक मुहिम है।’’

उन्होंने कहा कि ऐसे शब्द खोजना मुश्किल है जो वास्तव में शोक संतप्त परिवारों को सांत्वना दे सके।

उन्होंने कहा, ‘‘लोगों खासकर युवाओं की मौत अपूरनीय क्षति है।..’’

बैठक में एसआईएलएफ सदस्यों ने एक प्रस्ताव पारित कर दोषियों को इंसाफ के कठघरे में लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा घोषित कार्रवाई के प्रति पूर्ण समर्थन व्यक्त किया।

एसआईएलएफ के अध्यक्ष ललित भसीन ने कहा, ‘‘आतंकवाद के इस जघन्य कृत्य ने हमारे देश और दुनिया की अंतरात्मा को झकझोर दिया है। आतंकवाद का कोई चेहरा या धर्म नहीं होता और इसकी कड़े शब्दों में निंदा की जानी चाहिए। इन कठिन समय में, हमारी सबसे बड़ी ताकत एक देश के रूप में हमारी एकजुटता और एकता में निहित है।’’

भाषा सुभाष राजकुमार

राजकुमार


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