ब्रज: आगामी दिनों में पूरे देश में प्रेम सद्भावना का पर्व होली धूमधाम से मनाया जाएगा। इसके लिए पूरे देश में बाजार सजकर तैयार हो गया है, वहीं, होली को लेकर लोगों में अलग ही उत्साह है। वहीं, दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के भागवान श्री कृषण और राधारानी की नगरी ब्रज में होली का पूर्व एक सप्ताह पहले ही शुरू हो गया है। बता दें ब्रज की लठमार होली पूरी दुनिया में मशहूर है। लठमार होली का आनंद लेने दुनिय के कई देशों से पर्यटक भारत आते हैं।
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ब्रज में लठमार होली की शुरुआत हो चुकी है। बुधवार को लठमार होली खेलने के लिए कान्हा के नंदगांव से हुरियारे राधारानी के गांव बरसाना पहुंचे। यहां हुरियारिनों ने उनका स्वागत लठ मारकर किया साथ ही हुरियारों पर अबीर गुलाल की बरसात हुई। खुद देवराज इंद्र भी इस पल के गवाह बनने को आतुर दिखे और कान्हा की नगरी में बारिश हुई। श्रीजी मंदिर से लेकर बरसाना की गलियां रंगों से सराबोर हो गईं। दिव्य और भव्य लठमार होली को देखने के लिए देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु बरसाना पहुंचे हैं।
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मिली जानकारी के अनुसार बरसाना में लठामार होली का बड़ा ही महत्व है। लठमार होल की शुरुआत फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाई जाती है। यह होली यहां बहुत ही शुभ मानी जाती है। लोगों का ऐसा मानना है कि हुरियारिनों की लाठी जिसके सिर को छू जाए, वो सौभाग्यशाली होता है। बता दें लठमार होली के एक दिन पहले यानि शुक्ल पक्ष की अष्टमी को लड्डू होली मनाई जाती है।
बरसाना से होली का निमंत्रण मिलने के बाद नंदगांव के हुरियारों ने रातभर बरसाना की होली के लिए तैयारी की। कान्हा के सखा माने जाने वाले नंदगांव के हुरियारे बुधवार सुबह नंदभवन में एकत्रित हुए। पद गाकर उनसे होली खेलने साथ चलने को कहा। नंदगांव के हुरियारे ‘चलौ बरसाने में खेलें होरी’ पद गाते हुए श्रीकृष्ण स्वरूप पताका को साथ लेकर होकर बरसाना के लिए निकले। बरसाना की हुरियारिनों के लाठियों से बचने के लिए ढाल उनकी हाथों में थी। धोती, बगलबंदी, पीतांबरी से सुसज्जित हुरियारे रंग गुलाल उड़ाते ही पैदल बरसाना धाम पहुंचे।
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