सीबीआई, एनआईए के समन्वित अभियान में लश्कर के सदस्य को रवांडा से भारत लाया गया

सीबीआई, एनआईए के समन्वित अभियान में लश्कर के सदस्य को रवांडा से भारत लाया गया

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  • Publish Date - November 28, 2024 / 09:34 PM IST,
    Updated On - November 28, 2024 / 09:34 PM IST

नयी दिल्ली, 28 नवंबर (भाषा) केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के समन्वित अभियान में आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के एक सदस्य को रवांडा से भारत प्रत्यर्पित किया गया। आतंकी सगंठन के इस सदस्य के खिलाफ इंटरपोल का रेड नोटिस भी जारी हो चुका है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन के कथित सदस्य सलमान रहमान खान ने बेंगलुरु में आतंकवादी गतिविधियों के लिए हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक सामग्री उपलब्ध कराने में सहायता की थी।

उन्होंने बताया कि एनआईए ने 2023 में बेंगलुरु में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की आपराधिक साजिश से संबंधित मामला दर्ज किया था। इस संबंध में एक प्राथमिकी बेंगलुरु के हेबल पुलिस थाने में भी दर्ज की गई थी।

एनआईए की जांच के अनुसार, यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत एक मामले में जेल में बंद (2018-2022) रहे खान ने अन्य आतंकवादियों के लिए विस्फोटक सामग्री के भंडारण और उन्हें अलग-अलग जगहों पर पहुंचाने में मदद की थी। इसके अनुसार आतंकी गतिविधि को अंजाम देने के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे टी नसीर ने जेल में रहने के दौरान खान को कट्टरपंथी विचारधारा अपनाने के लिए उकसाया और संगठन में उसकी भर्ती की।

एनआईए ने कहा कि नसीर ने कथित तौर पर देश में लश्कर-ए-तैयबा की गतिविधियां फैलाने के लिए कट्टरपंथी और आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दिया था। इसके अलावा, जेल से अदालत ले जाते समय उसके भागने की साजिश रची थी।

इसने बताया कि जब आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ हुआ तो खान एजेंसियों को चकमा देकर देश से भाग गया था।

एनआईए ने बताया कि उसके खिलाफ कड़े आतंकवाद विरोधी कानून और भारतीय दंड संहिता के तहत आरोपपत्र दाखिल किया गया और अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया।

सीबीआई ने एक बयान में कहा, ‘‘दो अगस्त 2024 को इंटरपोल से उसके खिलाफ रेड नोटिस जारी हुआ। वांछित अपराधी का पता लगाने के लिए इसे वैश्विक स्तर पर सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियों को भेजा गया।’’

रेड नोटिस के आधार पर खान को रवांडा के किगाली में अधिकारियों ने नौ सितंबर को गिरफ्तार कर लिया।

यह सूचना सीबीआई और एनआईए को दी गई। सीबीआई भारत में इंटरपोल मामलों में समन्वय के लिए नोडल एजेंसी है।

वहां की स्थानीय मीडिया में प्रकाशित खबरों के अनुसार भारत ने 29 अक्टूबर को रवांडा के समक्ष प्रत्यर्पण अनुरोध किया जिसके बाद 12 नवंबर को प्रत्यर्पण आदेश पर हस्ताक्षर किए गए।

सीबीआई के प्रवक्ता ने बयान में कहा, ‘‘जांच एजेंसी के वैश्विक परिचालन केंद्र ने आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता के लिए एनआईए की ओर से वांछित सलमान रहमान खान को रवांडा से भारत लाने के लिए एनआईए और इंटरपोल नेशनल सेंट्रल ब्यूरो (किगाली) के साथ मिलकर काम किया।’’

खान की वापसी इंटरपोल के समन्वय से हाल ही में किए गए अभियानों की श्रृंखला में नवीनतम कड़ी है, जिसमें दो आरोपियों – एक सीबीआई द्वारा वांछित और दूसरा केरल पुलिस द्वारा वांछित – को सऊदी अरब से वापस लाया गया था।

इंटरपोल रेड नोटिस का सामना कर रहा बरकत अली खान 2012 में दंगा और विस्फोटक पदार्थों के इस्तेमाल मामले में वांछित है। उसे 14 नवंबर को सऊदी अरब से वापस लाया गया था।

रेहान अरबिकलालारिक्कल के खिलाफ भी इंटरपोल का रेड नोटिस जारी था और वह एक नाबालिग के साथ बलात्कार के आरोप में केरल में वांछित था। उसे 10 नवंबर को सऊदी अरब से वापस लाया गया था।

भाषा

शोभना अविनाश

अविनाश