नई दिल्ली: मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में कई बड़ी योजनाएं शुरू की है तो कई योजनाओं में बदलाव किए गए हैं। वहीं, दूसरे कार्यकाल के पहले बजट के बाद व्यापारिक लेन देन के नियमों में भी बड़े बदलाव किए गए हैं। सरकार द्वारा किए बदलाव का असर सीधा आम आदमी की जिंदगी पर पड़ेगा। सरकार द्वारा किए गए बदलाव के अनुसार सालाना अपने बैंक खाते से निकासी और जमा के लिए अब पैन कार्ड देने से काम नहीं चलेगा अब आपको आधार कार्ड भी देना पड़ सकता है।
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आधार कार्ड को जरूरी किए जाने के संबंध में सरकार का उद्देश्य है कि भारत की अर्थव्यवस्था में करंसी के ज्यादा प्रवाह पर नकेल कसना है। इसके लिए आप बायोमेट्रिक टूल या वन टाइम पासवर्ड ( OTP ) का इस्तेमाल कर केवाईसी करवा सकते हैं। साथ ही ऐसा माना जा रहा है कि आधार कार्ड को पैन कार्ड से लिंक किए जाने के बाद फर्जी पैन कार्ड धारकों पर भी लगाम लगाया जा सकेगा।
सरकार की इस नई नीति के तहत अब बड़े लेन देन और प्रापर्टी की खरीबी बिक्री में भी आपको पैन कार्ड के साथ आधार कार्ड की जानकारी देना अनिवार्य किया जा सकता है। संपत्ति की खरीदी, रजिष्ट्री और प्रमाणीकरण के लिए आपको आधार कार्ड की जरूरत पड़ सकती है।
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छोटे लेन देन करने वालों को राहत
सूत्रों के अनुसार सरकार की इस नीति में छोट लेन देन करने वालों को राहत दी गई है। छोटे लेने देन करने वालों को आधार कार्ड की बाध्यता नहीं रहेगी। फिलहाल इनपर काम करने की जरूरत है। लेकिन बायोमेट्रिक टूल या फिर ओटीपी की मदद से आधार प्रमाणीकरण को अनिवार्य करने से 10 से 25 लाख तक के लेन-देन का पता लगाया जा सकता है।
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