नयी दिल्ली, 25 अक्टूबर (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को दिल्ली की एक अदालत को बताया कि उसने नौकरी के बदले जमीन धनशोधन मामले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद और उनके परिवार के सदस्यों को पूरक आरोपपत्र की ‘सॉफ्ट’ प्रतियां उपलब्ध करा दी हैं।
प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी प्रसाद यादव और बेटियों-मीसा भारती तथा हेमा यादव की ओर से अदालत में पेश हुए वकील ने भी विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने को बताया कि पूरक शिकायत (ईडी के आरोपपत्र के बराबर) की ‘सॉफ्ट’ प्रतियां एजेंसी से प्राप्त हो गई हैं।
न्यायाधीश ने आरोपियों को निर्देश दिया कि वे पेन ड्राइव में दस्तावेज की पड़ताल करें और यदि आवश्यक हो तो अदालत की फाइलों से मूल दस्तावेज का भी निरीक्षण करें तथा सुनवाई की अगली तारीख 16 नवंबर तक अदालत को इसके बारे में सूचित करें।
न्यायाधीश ने 7 अक्टूबर को मामले में प्रसाद, यादव और अन्य को जमानत दे दी थी।
उन्होंने इस बात पर गौर करते हुए आरोपियों को एक-एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर राहत दे दी थी कि उन्हें जांच के दौरान गिरफ्तार नहीं किया गया था।
आरोपी अदालत द्वारा पूर्व में जारी किए गए समन के अनुपालन में अदालत में उपस्थित हुए थे।
ईडी द्वारा 6 अगस्त को अदालत के समक्ष अंतिम रिपोर्ट दायर की गई थी।
संघीय एजेंसी ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मामला दर्ज किया था।
मामला 2004 से 2009 तक रेल मंत्री के रूप में प्रसाद के कार्यकाल के दौरान मध्य प्रदेश के जबलपुर आधारित रेलवे के पश्चिम मध्य क्षेत्र में ग्रुप-डी नियुक्तियों से संबंधित है, जिसमें नौकरी पाने वालों ने इसके बदले में राजद प्रमुख के परिजनों या सहयोगियों के नाम अपनी जमीन स्थानांतरित की या उपहार में दी।
भाषा नेत्रपाल पवनेश
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