लालू के खिलाफ ‘नौकरी के बदले जमीन’ मामला: अदालत 25 फरवरी को ले सकती है आरोपपत्र पर संज्ञान

लालू के खिलाफ ‘नौकरी के बदले जमीन’ मामला: अदालत 25 फरवरी को ले सकती है आरोपपत्र पर संज्ञान

लालू के खिलाफ ‘नौकरी के बदले जमीन’ मामला: अदालत 25 फरवरी को ले सकती है आरोपपत्र पर संज्ञान
Modified Date: February 21, 2025 / 01:46 pm IST
Published Date: February 21, 2025 1:46 pm IST

नयी दिल्ली, 21 फरवरी (भाषा) दिल्ली की एक अदालत 25 फरवरी को यह तय करेगी कि पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद और अन्य से संबंधित ‘नौकरी के बदले जमीन’ मामले में दायर आरोपपत्र पर संज्ञान लिया जाए या नहीं।

विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने को शुक्रवार को मामले में फैसला सुनाना था, लेकिन कुछ बिंदुओं पर सीबीआई का स्पष्टीकरण सुनने के बाद उन्होंने मामले की सुनवाई 25 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी।

न्यायाधीश ने 30 जनवरी को आरोपपत्र में दर्ज आरोपों के संबंध में कुछ बिंदुओं पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कुछ प्रश्न पूछे थे।

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यह प्रश्न न्यायाधीश ने सीबीआई के इस बयान पर उठाये कि उसे लोकसेवक आर.के. महाजन के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए संबंधित प्राधिकारियों से अपेक्षित मंजूरी मिल गई है।

सोलह जनवरी को न्यायाधीश ने कहा था कि यदि महाजन के खिलाफ मंजूरी की प्रक्रिया 30 जनवरी तक पूरी नहीं की गई तो ‘‘सक्षम प्राधिकारी’’ को अगली सुनवाई तक स्पष्टीकरण प्रस्तुत करना होगा।

सीबीआई ने 26 नवंबर, 2024 को मामले में 30 आरोपियों पर मुकदमा चलाने के लिए संबंधित अधिकारियों से प्राप्त आवश्यक मंजूरी अदालत के समक्ष दाखिल की थी और कहा था कि महाजन के खिलाफ मुकदमा चलाने के संबंध में मंजूरी का अब भी इंतजार है।

अधिकारियों के अनुसार, यह मामला मध्यप्रदेश के जबलपुर स्थित रेलवे के पश्चिम मध्य क्षेत्र में ग्रुप-डी की नियुक्तियों से संबंधित है। ये नियुक्तियां 2004 से 2009 के बीच प्रसाद के रेल मंत्री रहने के दौरान की गई थीं। इन नियुक्तियों के बदले में राजद प्रमुख के परिवार या सहयोगियों के नाम पर जमीन उपहार में दी गई या हस्तांतरित की गई।

एजेंसी ने 18 मई, 2022 को प्रसाद और उनकी पत्नी, दो बेटियों, अज्ञात सरकारी अधिकारियों और निजी व्यक्तियों सहित अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

भाषा नेत्रपाल मनीषा

मनीषा


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