मंगलुरु, दो नवंबर (भाषा) कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने शनिवार को आरोप लगाया कि पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी सिर्फ चुनाव के दौरान ही आंसू बहाते नजर आते हैं, लेकिन चुनाव खत्म होते ही उन्हें जनता के आंसुओं से कोई लेना देना नहीं होता है।
उपमुख्यमंत्री शिवकुमार ने शनिवार को मंगलुरु हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से बात करते हुए यह आरोप लगाये और कहा कि कुमारस्वामी के आंसू केवल चुनाव के मौसम में ही दिखाई देते हैं।
शिवकुमार ने कहा, ‘कुमारस्वामी और उनकी पत्नी ने पहले चन्नापटना क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है, फिर भी इस क्षेत्र से वह ऐसे उम्मीदवार का समर्थन कर रहे हैं जिसका इस क्षेत्र से कोई संबंध नहीं है। इसके अलावा कुमारस्वामी मांड्या और रामनगर दोनों क्षेत्रों में चुनाव हार चुके हैं। जब कनकपुरा के लोग पीड़ा और आंसुओं में थे, तब वह कहां थे?’
शिवकुमार ने कुमारस्वामी को चुनौती देते हुए कहा कि वह चन्नापटना क्षेत्र के विकास में अपना योगदान बतायें।
उन्होंने कहा, ‘योगेश्वर ने पार्टी बदली है, मैं इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहता। कांग्रेस के कई नेता समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जैसे दलों में शामिल हो चुके हैं। कुमारस्वामी का राजग के साथ गठबंधन बेमेल है।”
उन्होंने कहा, ‘चन्नापटना के लोग शिक्षित और जागरुक हैं। हमारी सरकार ने 22,000 नागरिकों की शिकायतों का डेटाबेस तैयार कर उनका निराकरण किया है और क्षेत्र में सैकड़ों करोड़ रुपये की कई विकास परियोजनाएं शुरू की हैं।”
कुमारस्वामी के इस बयान पर कि कांग्रेस नेताओं में मानवता की कमी है जबकि उनका इस क्षेत्र से वास्तविक भावनात्मक लगाव है, शिवकुमार ने पलटवार करते हुए कहा, ‘चन्नापटना और रामनगर के लोगों ने उन्हें अपना विधायक चुना था, फिर भी उन्होंने चन्नापटना के लिए क्या विकास कार्य किए हैं?”
कांग्रेस की गारंटी योजनाओं की आलोचना के जवाब में शिवकुमार ने कहा, ‘कौन कहता है कि हम वित्तीय दायित्वों का प्रबंधन नहीं कर सकते? हमारे राज्य की अर्थव्यवस्था देश की अर्थव्यवस्था से मजबूत है।’
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री जो चाहें कह सकते हैं लेकिन हमारी गारंटी योजनाओं ने लोगों का पेट भरा है और उन्हें आजीविका दी है।”
भाजपा नेताओं द्वारा गारंटी योजनाओं के खिलाफ ट्वीट किए जाने पर शिवकुमार ने कहा, ‘भाजपा ने हमारी योजनाओं की नकल की है तथा मध्यप्रदेश, हरियाणा और अब महाराष्ट्र में भी इसी तरह की योजनाओं की घोषणा की है। वे हमारी नकल करके शायद शर्मिंदा हैं जिसके चलते हमारी आलोचना करते हैं।’
भाषा
इन्दु, रवि कांत
रवि कांत
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