कुकी संगठन ने मणिपुर के मुख्यमंत्री के खिलाफ जांच के लिए अधिकारी को पत्र लिखा

कुकी संगठन ने मणिपुर के मुख्यमंत्री के खिलाफ जांच के लिए अधिकारी को पत्र लिखा

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  • Publish Date - September 5, 2024 / 06:53 PM IST,
    Updated On - September 5, 2024 / 06:53 PM IST

नयी दिल्ली, पांच सितंबर (भाषा) मणिपुर में एक कुकी संगठन ने अपने समुदाय के लोगों के खिलाफ ‘बड़े पैमाने पर जातीय हिंसा’ की साजिश रचने का मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह पर आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने और जांच की मांग की है।

‘कुकी ऑर्गनाइजेशन फॉर ह्यूमन राइट्स ट्रस्ट’ (कोहूर) ने मणिपुर में जातीय हिंसा से संबंधित मामलों की जांच की निगरानी के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त अधिकारी को इस संबंध में पत्र लिखा है।

मणिपुर जातीय हिंसा मामलों की जांच की निगरानी के लिए न्यायालय ने महाराष्ट्र के पूर्व पुलिस महानिदेशक दत्तात्रेय पडसालगिकर को नियुक्त किया है।

उन्हें भेजे गये ज्ञापन में कोहूर ने मणिपुर के मुख्यमंत्री के कथित तौर पर लीक हुए ऑडियो से संबंधित समाचार लेखों का संदर्भ दिया और कार्रवाई की मांग की।

मणिपुर सरकार ने रिकॉर्डिंग को फर्जी करार देते हुए खारिज कर दिया है। कुकी संगठन ने मणिपुर में रहने वाले जातीय अल्पसंख्यक कुकी लोगों के खिलाफ सामूहिक हत्या और यौन अपराध सहित बड़े पैमाने पर जातीय हिंसा करने की साजिश रचने के लिए अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने और जांच शुरू करने की मांग की।

संगठन ने उक्त आपराधिक साजिश को आगे बढ़ाने तथा प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से विभिन्न अवैध और आपराधिक कार्रवाइयों को अंजाम देने के लिए भी प्राथमिकी दर्ज करने और जांच शुरू करने की मांग की।

कोहूर ने मणिपुर के मुख्यमंत्री की कथित ऑडियो रिकॉर्डिंग भी साझा की। यह रिकॉर्डिंग करीब 48 मिनट की है।

कोहूर ने यह भी कहा कि यदि वर्तमान शिकायत के तहत जांच के दौरान संलग्न ऑडियो रिकॉर्डिंग फर्जी निकलती है, या इसमें छेड़छाड़ या हेरफेर की गई पाई जाती है, तो ऐसा करने वालों और इसे प्रसारित करने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कानून के अनुसार मुकदमा चलाया जाना चाहिए।

कुकी समूहों ने कहा है कि कथित ऑडियो क्लिप मणिपुर के मुख्यमंत्री के राज्य में जातीय हिंसा में शामिल होने का सबूत है।

पिछले साल मई से मेइती और कुकी समुदायों के बीच संघर्ष में 200 से अधिक लोग मारे गए और हजारों लोग बेघर हो गए।

भाषा सुरेश संतोष

संतोष