Farmers Protest in Delhi: नई दिल्ली। आज 45 हजार किसान अपनी मांगों को लेकर संसद का घेराव करने जा रहे हैं। आज 2 दिसंबर यानि सोमवार को हजारों किसान नोएडा के महामाया फ्लाईओवर से दिल्ली के लिए कूच करेंगे। इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य गोरखपुर जैसे चार गुना मुआवजे, भूमि अधिग्रहण कानून के लाभ और 10% विकसित भूखंड जैसी मांगों को लागू करवाना है। बता दें कि, किसान पहले ही यमुना प्राधिकरण कार्यालय के सामने चार दिनों तक धरने पर बैठे रहे, लेकिन उनकी मांगों को अनसुना कर दिया गया, जिसके बाद अब किसान दिल्ली में संसद का घेराव करने की तैयारी कर रहे हैं।
इन मांगों को लेकर संसद का घेराव
बता दें कि बैठक में बात न बनने पर संयुक्त मोर्चा ने संसद का घेराव करने का ऐलान किया है। किसानों का आरोप है कि गौतमबुद्ध नगर के किसानों को गोरखपुर हाईवे परियोजना की तरह चार गुना मुआवजा नहीं दिया गया है। इसके अलावा, पिछले 10 सालों से सर्किल रेट में भी कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। किसान नेता मांग कर रहे हैं कि नए भूमि अधिग्रहण कानून के लाभ और हाई पावर कमेटी की सिफारिशों को लागू किया जाए। हालांकि, रविवार को पुलिस और प्राधिकरण अधिकारियों के साथ हुई बैठक में उनकी मांगें खारिज कर दी गई।
सरकार पर गंभीर आरोप
इधर, पंजाब और हरियाणा के किसान भी दिल्ली की ओर कूच करने की योजना बना रहे हैं। किसान नेताओं ने बताया कि 6 दिसंबर को शंभू और खनौरी बॉर्डर से पहला जत्था दिल्ली के लिए रवाना होगा। वहीं, इस मामले को लेकर किसानों ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने 18 फरवरी के बाद से किसानों से कोई बातचीत नहीं की है। वहीं, केरल, उत्तराखंड और तमिलनाडु में भी किसान अपने-अपने राज्यों की विधानसभाओं की ओर मार्च करेंगे। किसान कर्ज माफी, पेंशन, बिजली दरों में बढ़ोतरी न करने और पुलिस मामलों की वापसी जैसी मांगों को लेकर प्रदर्शन करेंगे। इसके अलावा, लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों को न्याय और 2020-21 के आंदोलन में मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की भी मांग उठाई जा रही है।
यातायात प्रभावित होने की आशंका
किसानों के मार्च को देखते हुए नोएडा पुलिस ने विशेष रूट डायवर्जन प्लान लागू किया है। ऐसे में यमुना एक्सप्रेसवे और नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। सिरसा से परी चौक होकर सूरजपुर जाने वाले रास्तों पर भी यातायात रोका जाएगा। जनता को सलाह दी गई है कि वे किसी दूसरे रास्तों का इस्तेमाल करें। किसानों के प्रदर्शन के कारण दिल्ली और एनसीआर में यातायात प्रभावित होने की आशंका है।