(फाइल फोटो के साथ)
नयी दिल्ली, चार जनवरी (भाषा) कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 813 वें उर्स के अवसर पर शनिवार को अपने और अपनी पार्टी की तरफ से चादर भेजी।
उन्होंने यह भी कहा कि पूरी दुनिया को इससे यह संदेश जाना चाहिए कि हिंदुस्तान में क़ौमी इत्तेहाद और भाईचारा की जड़ें इतनी गहरी हैं कि वे चंद झोंकों और विकृत सोच के लोगों द्वारा हिलाई नहीं जा सकती हैं।
खरगे ने कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष इमरान प्रतापगढ़ी को यह चादर भेंट की और इसे जल्द ही अजमेर शरीफ दरगाह पर पेश किया जाएगा। इस मौके पर कांग्रेस सांसद सैयद नासिर हुसैन, पूर्व सांसद मोहम्मद अजहरुद्दीन और कुछ अन्य नेता मौजूद थे।
खरगे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘इंतेहाई अक़ीदत व एहतराम के साथ मैं ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ मोइनुद्दीन चिश्ती के 813 वें उर्स मुबारक के मौक़े पर अपनी और कांग्रेस पार्टी की ओर से चादर रवाना करते हुए ख़ुद को बेहद ख़ुशक़िस्मत महसूस कर रहा हूं। कांग्रेस अध्यक्ष होने के नाते आज उस परंपरा को निभाने का मौका मिला, जो साल-दर-साल हमारी पार्टी निभाती है।’
उन्होंने कहा, ‘इसके पीछे देश के हर नागरिकों का कल्याण और विश्व कल्याण की भावना है। चादर चढ़ाने के पीछे हमारे देश की गंगा-जमुनी तहज़ीब, क़ौमी एकता, आपसी भाईचारा, प्यार व मोहब्बत, अदब और रवादारी की अलामत है। ‘
खरगे ने यह भी कहा कि पूरी दुनिया को इससे यह संदेश जाना चाहिए कि हिंदुस्तान में क़ौमी इत्तेहाद और भाईचारा की जड़ें इतनी गहरी हैं कि वे चंद झोंकों और विकृत सोच के लोगों द्वारा हिलाई नहीं जा सकती हैं।
खरगे ने कहा, ‘हमारे पुरखों ने संविधान बनाते समय कौमी एकता की भावना को केंद्र में रखा था, जिसकी हिफाज़त करना हर भारतीय का कर्तव्य है।’
खरगे ने कहा, ‘यहां मैं ये याद दिलाना चाहूंगा कि 2025 हमारे महान नायक महात्मा गांधीजी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने की शताब्दी का साल है। 1924 में उनकी अध्यक्षता में देश भर के लोग बेलगांव में एकत्र हुए थे और उन्होंने छुआछूत, भेदभाव और नफरत की भावना के खिलाफ एकजुटता का संदेश दिया था। ‘
उन्होंने कहा, ‘हमें हमेशा याद रखना चाहिए कि नफरत के सौदागरों ने ही हमसे राष्ट्रपिता को छीना है, लेकिन उनके विचार जिंदा हैं, जिसे लेकर कांग्रेस पार्टी लगातार जनता के सरोकारों को आगे रख कर संघर्ष कर रही है।’
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘इसलिए, अमन चैन और भाईचारे का संदेश ख़्वाजा की दरगाह से पूरी दुनिया में जाना चाहिए। हम दुआ करें कि मुल्क के अंदर अमन, शांति, प्यार व मोहब्बत, जम्हूरियत और सदियों पुरानी गंगा-जमुनी तहज़ीब चांद और सूरज की मौजूदगी तक कायम रहे।’
भाषा हक दिलीप
दिलीप