पीएम मोदी को लेकर दिए बयान पर खड़गे ने दी सफाई, बोले- प्रधानमंत्री के खिलाफ नहीं, बल्कि उनकी विचारधारा को लेकर थी मेरी टिप्पणी

Kharge clarified on his statement about PM Modi

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  • Publish Date - April 27, 2023 / 07:12 PM IST,
    Updated On - April 27, 2023 / 08:29 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लेकर दिए अपने एक बयान पर सफाई देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि उनका इरादा किसी की भावना को आहत करना नहीं था और उनकी टिप्पणी किसी व्यक्ति विशेष नहीं, बल्कि उस विचारधारा को लेकर थी, जिसका प्रतिनिधित्व मोदी करते हैं। उन्होंने भाजपा की विचाराधारा को ‘विभाजनकारी तथा ग़रीबों व दलितों के प्रति नफ़रत व पूर्वाग्रह से भरी’ करार देते हुए कहा कि वह भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के खिलाफ वैचारिक लड़ाई लड़ते आए हैं और आगे भी लड़ते रहेंगे। खरगे ने बृहस्पतिवार को कर्नाटक में गडग जिले के रोन में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘गलती मत कीजिए। मोदी जहरीले सांप की तरह हैं। अगर आप कहते हैं कि वह जहरीले नहीं हैं तो छूकर देखिए, पता चल जाएगा। अगर आप छूएंगे तो मर जाएंगे।’’

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खरगे ने लोगों से कहा, ‘‘अगर आपको लगता है कि नहीं..नहीं, यह जहर नहीं है, क्योंकि मोदी ने इसे दिया है, सज्जन प्रधानमंत्री ने दिया है तो इसे चाटकर देखिए। अगर आप इस जहर को चाटेंगे तो हमेशा के लिए सो जाएंगे।’’ बाद में खरगे ने स्पष्टीकरण देते हुए ट्वीट किया, ‘‘मेरा इरादा किसी की भावना को आहत करने का नहीं था और अगर ज़ाने अनजाने में किसी की भावना आहत हुई, तो यह मेरी मंशा कदापि नहीं थी और न ही यह मेरे लम्बे राजनीतिक जीवन का आचरण है।’’

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उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा की विचारधारा विभाजनकारी, वैमनस्यपूर्ण तथा ग़रीबों और दलितों के प्रति नफ़रत एवं पूर्वाग्रह से भरी है। आज मैंने इसी नफ़रत एवं द्वेष की राजनीति की चर्चा की। मेरा बयान न व्यक्तिगत तौर से प्रधानमंत्री मोदी जी के लिए था, न किसी और व्यक्ति विशेष के लिए, अपितु जिस विचारधारा का वह प्रतिनिधित्व करते हैं, उसके लिए था।’’ कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मोदी के साथ उनकी लड़ाई निजी लड़ाई नहीं है, बल्कि वैचारिक लड़ाई है। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने सदा दोस्तों और विरोधियों के प्रति राजनीतिक शुचिता की मर्यादाओं और परंपराओं को निभाया है तथा जीवन के आख़िरी सांस तक निभाऊंगा।’’

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खरगे के मुताबिक, ‘‘मैं बड़े पदों पर बैठे लोगों की तरह व्यक्तियों और उनकी तकलीफ़ों का मज़ाक़ नहीं उड़ाता, क्योंकि मैंने ग़रीबों व दलितों का दुख दर्द देखा भी है और सहा भी है। पांच दशकों से भाजपा तथा आरएसएस की विभाजनकारी विचारधारा से, उनके नेताओं से, मेरा विरोध हमेशा से रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरी राजनीतिक लड़ाई उनकी राजनीति के ख़िलाफ़ थी, है और हमेशा रहेगी।’’