खांडू ने साम्प्रदायिक सद्भाव के तानेबाने को बनाये रखने के लिए अरुणाचल की दो जनजातियों की सराहना की

खांडू ने साम्प्रदायिक सद्भाव के तानेबाने को बनाये रखने के लिए अरुणाचल की दो जनजातियों की सराहना की

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  • Publish Date - January 19, 2025 / 09:38 PM IST,
    Updated On - January 19, 2025 / 09:38 PM IST

ईटानगर, 19 जनवरी (भाषा) अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने रविवार को राज्य की दो प्रमुख जनजातियों आदि और आपातानी की सराहना की, जिन्होंने ‘‘सांप्रदायिक सद्भाव के सदियों पुराने ताने-बाने’’ को बनाए रखने के लिए एक संयुक्त घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए हैं।

घोषणापत्र में पारंपरिक बदला लेने की प्रथा पर रोक लगाने और अंतर-जनजाति विवाह, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और त्योहारों को बढ़ावा देने की बात कही गई है।

खांडू ने कहा कि हालांकि आदि और आपातानी की अलग-अलग परंपराएं हैं, लेकिन उनके बीच एक ऐसा बंधन है जो राजनीतिक सीमाओं से परे है और इसकी जड़ें उनकी साझा वंशावली में है।

मुख्यमंत्री ने दिन में पूर्वी सियांग जिले के पासीघाट में आयोजित पहले आदि-आपातानी ‘शिखर सम्मेलन’ में भाग लिया।

यहां एक आधिकारिक विज्ञप्ति में खांडू के हवाले से कहा गया, ‘‘आज हम सिर्फ दो समुदायों के शिखर सम्मेलन का आयोजन नहीं कर रहे हैं। हम एकता, समझ और सांप्रदायिक सद्भाव के सदियों पुराने ताने-बाने को संरक्षित करने की प्रतिबद्धता की जीत देख रहे हैं, जो लंबे समय से अरुणाचल प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक तानेबाने की आधारशिला रही है।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि आधुनिक युग में, यदि लोग सतर्क नहीं रहें तो छोटे-छोटे मतभेद भी संघर्ष का रूप ले सकते हैं।

खांडू ने कहा, ‘‘हम छोटी-मोटी गलतफहमियों या अफवाहों के कारण उस सद्भाव को भंग नहीं होने दे सकते, जिसे पीढ़ियों से सावधानीपूर्वक पोषित किया गया है। इसके बजाय, हमें इन चुनौतियों का सामना परिपक्वता, समझ और आपसी सम्मान के साथ करना चाहिए।’’

उन्होंने पूरे राज्य के लिए ‘‘उल्लेखनीय उदाहरण’’ स्थापित करने के लिए आदि और आपातानी समुदायों के शीर्ष निकायों की सराहना की।

खांडू ने कहा कि एकसाथ आकर और ऐतिहासिक संयुक्त घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करके, दोनों समुदायों ने शांति, एकता और अपने लोगों की निरंतर कल्याण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की है।

उन्होंने 2015 में ‘न्यीशी एलीट सोसाइटी’ (एनईएस) के साथ इस तरह की पहली घोषणा पर हस्ताक्षर करने के लिए आपातानी समुदाय की सराहना की।

भाषा अमित नरेश

नरेश