‘वारिस पंजाब दे’ से जुड़े खालिस्तान समर्थक मेरी हत्या की साजिश रच रहे हैं : केंद्रीय मंत्री बिट्टू

‘वारिस पंजाब दे’ से जुड़े खालिस्तान समर्थक मेरी हत्या की साजिश रच रहे हैं : केंद्रीय मंत्री बिट्टू

‘वारिस पंजाब दे’ से जुड़े खालिस्तान समर्थक मेरी हत्या की साजिश रच रहे हैं : केंद्रीय मंत्री बिट्टू
Modified Date: April 20, 2025 / 10:05 pm IST
Published Date: April 20, 2025 10:05 pm IST

चंडीगढ़, 20 अप्रैल (भाषा) केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने रविवार को आरोप लगाया कि ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन से जुड़े कुछ खालिस्तान समर्थक तत्व उनकी और पंजाब के अन्य नेताओं की हत्या की साजिश रच रहे हैं।

इस संगठन का प्रमुख कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह है।

बिट्टू ने दावा किया कि सोशल मीडिया मंचों पर चैट के लीक हुए स्क्रीनशॉट के माध्यम से साजिश का ‘‘पर्दाफाश’’ हो गया है।

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बिट्टू ने एक बयान में कहा कि केंद्र सरकार ने भी ‘वारिस पंजाब दे’ से जुड़े लोगों द्वारा रची गई साजिश को गंभीरता से लिया है।

उन्होंने आगाह किया कि ऐसे समूहों की गतिविधियां राज्य को अस्थिरता की ओर धकेल रही हैं।

व्हाट्सएप चैट के स्क्रीनशॉट से पता चला है कि इसके सदस्य खडूर साहिब के सांसद अमृतपाल सिंह की राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत एक और साल के लिए हिरासत बढ़ाने को लेकर बिट्टू और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को निशाना बनाने की मंशा रखते हैं।

पंजाब सरकार ने अमृतपाल की हिरासत अवधि एक वर्ष के लिए बढ़ा दी है।

अमृतपाल (32) असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। 23 अप्रैल, 2023 को गिरफ्तार किए जाने के बाद से उसे एनएसए के तहत हिरासत में रखा गया है।

जेल में बंद कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह के पिता तरसेम सिंह ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत अपने बेटे की हिरासत बढ़ाने के लिए आम आदमी पार्टी (आप) नीत पंजाब सरकार की रविवार को आलोचना की।

बिट्टू ने कहा, ‘‘केंद्र राष्ट्र विरोधी ताकतों को पंजाब को अस्थिर करने की अनुमति नहीं देगा।’’

शांति और एकता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए बिट्टू ने अपने परिवार की बलिदान की विरासत को याद किया।

उन्होंने कहा, ‘‘मेरे दादा (बेअंत सिंह) ने पंजाब में शांति के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी। मैं शहीदों के परिवार से ताल्लुक रखता हूं और मैं चरमपंथी धमकियों से नहीं डरता। मैं पंजाब को फिर से अंधकार में नहीं जाने दूंगा। इस साजिश के पीछे जो लोग हैं, उन्हें इसके परिणाम भुगतने होंगे।’’

भाषा शफीक नरेश

नरेश


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