तिरुवनंतपुरम, 22 जनवरी (भाषा) कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) ने बुधवार को केरल सरकार पर लाखों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को मिलने वाले विभिन्न सेवा लाभों का भुगतान न करने का आरोप लगाया।
वित्त मंत्री के एन बालगोपाल ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि देश में यह वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) सरकार अपने कर्मचारियों के प्रति सबसे अधिक दयालु है।
विधानसभा में इस मुद्दे को उठाते हुए यूडीएफ ने आरोप लगाया कि वाम मोर्चा सरकार पर सरकारी कर्मचारियों का एक लाख करोड़ रुपये बकाया है। इसने दावा किया कि इतनी बड़ी रकम रोके रखने के बावजूद राज्य की वित्तीय स्थिति खराब बनी हुई है।
यूडीएफ नेताओं ने शून्यकाल के दौरान इस ‘गंभीर मुद्दे’ को चर्चा के लिए नहीं उठाए जाने पर विरोध स्वरूप सदन से बहिर्गमन किया।
विपक्ष ने यह मुद्दा उसी दिन उठाया जब सरकारी कर्मचारियों का एक वर्ग वेतन संशोधन, महंगाई भत्ते के बकाए के भुगतान और अन्य मांगों को लेकर राज्यव्यापी आंदोलन कर रहा है।
कर्मचारियों की इस हड़ताल को विपक्षी दलों से संबद्ध श्रमिक संगठनों के साथ-साथ एलडीएफ के घटक भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) का भी समर्थन प्राप्त है।
स्थगन प्रस्ताव के लिए नोटिस स्वीकार करने की मांग करते हुए कांग्रेस के पी सी विष्णुनाथ ने सरकार से सरकारी कर्मियों की मांगों का सहानुभूति के साथ समाधान करने की अपील की। उन्होंने अनुरोध किया कि कर्मियों के बारे में ऐसा नहीं समझा जाए कि वे संभ्रात वर्ग से हैं।
मुख्यमंत्री पिनराई विजयन पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि जो कर्मचारी सार्वजनिक रूप से एक सक्षम प्रशासक के रूप में उनकी प्रशंसा करते हैं, वे ही गुप्त रूप से उनके शासन में अपने पात्र योग्य सेवा लाभों से वंचित होने पर विलाप कर रहे हैं।
विपक्ष के नेता वी डी सतीशन ने वाम सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि महंगाई भत्ता, अवकाश नकदीकरण और वेतन संशोधन के लिए कर्मचारियों को भुगतान की जाने वाली बकाया राशि क्रमशः 35,000 करोड़ रुपये, 24,500 करोड़ रुपये और 5,500 करोड़ रुपये है।
विपक्ष के नेता ने आरोप लगाया कि केरल के इतिहास में किसी भी सरकार ने इतने बड़े भुगतान में कभी चूक नहीं की है। उन्होंने यह भी कहा कि विजयन सरकार के 103 महीने के कार्यकाल के दौरान कर्मचारियों को पिछले छह महीनों से उनके लाभ नहीं मिले हैं।
हालांकि, मंत्री बालगोपाल ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि देश में कोई भी अन्य राज्य सरकार अपने कर्मचारियों के साथ केरल की तरह दयालुता से पेश नहीं आती है।
उन्होंने दावा किया कि विपक्ष के आरोपों में बिलकुल भी तथ्य नहीं हैं।
भाषा राजकुमार नेत्रपाल
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