कोच्चि, 31 दिसंबर (भाषा) केरल उच्च न्यायालय ने वर्ष 2024 में मामलों को प्रभावशाली ढंग से निपटाया है जो लंबित मामलों को कम करने और समय पर न्याय प्रदान करने के अदालत के समर्पण को दर्शाता है। अदालत ने इस साल एक लाख से अधिक मामलों का निपटारा किया है। एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, न्यायालय ने एक जनवरी से 27 दिसंबर, 2024 तक 1,10,666 मामलों का निपटारा किया।
न्यायमूर्ति पी वी कुन्हीकृष्णन ने सबसे अधिक 11,140 मामलों का निपटान किया। उनके बाद न्यायमूर्ति सी एस डायस ने 8,320 मामलों का, न्यायमूर्ति नागरेश ने 6,756 मामलों का जबकि न्यायमूर्ति बेचू कुरियन थॉमस ने 6,642 मामलों का निपटारा किया।
सूत्रों ने बताया कि न्यायमूर्ति देवन रामचंद्रन ने 6,196 मामलों का निपटारा किया।
उन्होंने बताया कि इस आंकड़े को हासिल करने में कई अन्य न्यायाधीशों ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।
इनमें न्यायमूर्ति डी के सिंह (5,140 मामले), न्यायमूर्ति मोहम्मद नियास ( 4,872 मामले), न्यायमूर्ति पी गोपीनाथ ने (4,172 मामले), न्यायमूर्ति वी जी अरुण ( 3,739 मामले), न्यायमूर्ति बदरुद्दीन (3,435 मामले) और न्यायमूर्ति मुरली पुरुषोत्तमन (3,059 मामले) शामिल हैं ।
केरल उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या 47 है। इसमें 35 स्थायी न्यायाधीश शामिल हैं, जिनमें से एक मुख्य न्यायाधीश है, और 12 अतिरिक्त न्यायाधीश हैं। वर्तमान में न्यायालय में 45 न्यायाधीश कार्यरत हैं।
भाषा रंजन नरेश
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